कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की दो डोज के बीच कितना गैप होना चाहिए, इसको लेकर वैक्सीनेशन प्रोटोकॉल (Vaccination Protocol) में फिर से बदलाव होने की संभावना है. सरकार के पैनल ने वैक्सीनेशन को लेकर कई सिफारिश की है, जिसमें कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर बढ़ाने की बात कही गई है.
सरकार के पैनल ने सिफारिश की है कि कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच 12 से 16 हफ्ते का अंतर हो. इससे , पहले यह अंतर 6 से 8 सप्ताह तक ही रखने की बात कही गई थी. केंद्र सरकार ने भी मार्च में कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच अंतर 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह किए जाने की बात कही थी.
अगर आप कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और अब ठीक हो चुके हैं तो आपको तुरंत टीका नहीं लग पाएगा। सूत्रों की मानें तो कोविड मैनेजमेंट पर बनी सरकारी समिति ने सिफारिश की है कि कोविड से उबरने वालों को छह महीने बाद कोरोना वैक्सीन की डोज दिए जाने की सिफारिश की है। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने यह भी कहा है कि कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज के बीच का अंतर बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते किया जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो एनटीएजीआई (NTAGI) ने सरकार से कहा है कि गर्भवती महिलाओं को उनकी पसंद की कोरोना वैक्सीन चुनने की आजादी दी जा सकती है। इसने कहा है कि गर्भवती महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद कभी भी टीका लगवा सकती हैं। बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं पर टीका का कोई नुकसान नहीं होगा, इसलिए वो प्रसव के बाद कभी भी टीका लगवा सकती हैं।
वर्तमान के टीकाकरण प्रोटोकॉल में कहा गया है कि चूंकि अभी तक के क्लिनिकल ट्रायल में गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें टीका नहीं लगाया जाना चाहिए। ऐसे लोग जिन्हें टीके की पहली खुराक लग चुकी है और दूसरी खुराक लगने से पहले यदि वे संक्रमित हो जाते हैं तो उन्हें ठीक होने के बाद अगली खुराक लगवाने से पहले चार से आठ हफ्ते इंतजार करना चाहिए।