फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में वैक्सीन के ट्रायल के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से अनुमति मांगी है. कंपनी 12 से 17 वर्ष तक के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल करेगी. भारत में हाल ही में जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है.
Johnson & Johnson has submitted an application to the Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) to conduct a study of its COVID-19 vaccine in India in adolescents aged 12-17 years.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर बताया था कि अब भारत के पास 5 EUA (Emergency Use Authorization) वैक्सीन मौजूद हैं. उन्होंने कहा था कि यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण के खिलाफ हमारे देश की सामूहिक लड़ाई को और बढ़ावा देगा. इससे पहले ग्लोबल हेल्थकेयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा था, ‘उसने भारत में अपनी सिंगल डोज वाली कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर (EUA) के लिए आवेदन किया है.’
पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (NIV) की निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम ने बताया कि, बच्चों को लेकर फिलहाल को वैक्सीन (Covaxin) का परीक्षण चल रहा है. इस बात की पूरी उम्मीद है कि सिंतबर अंत या अक्तूबर की शुरुआत में बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी. डॉ. प्रिया ने बताया कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन और जेनोवा भी आने वाले हैं. जेनोवा वैक्सीन एमआरएनए पर आधारित है. इनके अलावा कोवावैक्स भी जल्द मिल सकती है.
नाक से दी जाने वाली वैक्सीन एक अनोखा शोध है, जो कि दुनिया में पहली बार भारत में हुआ है और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी इस पर काम कर रही है. इस वैक्सीन के आने के बाद टीकाकरण में काफी तेजी आ सकती है. एक बार में 100 से 200 लोगों को महज एक से दो घंटे के बीच वैक्सीन दी जा सकती है. इसका स्कूलों में काफी बेहतर तरीके से प्रयोग किया जा सकता है.