दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के एक बयान के बाद मंच पर बवाल हो गया. इस बार उन्होंने मोहन भागवत को लेकर जहर उगला है. मौलाना ने कहा कि हमारे मजहब में दखल क्यों दिया जाता है. हमारा सबसे पहला नबी मनु यानी आदम है. मदनी ने कहा कि तुम्हारा पूर्वज हिन्दू नहीं था. तुम्हारा पूर्वज मनु था यानी आदम था. मदनी के इस बयान के बाद मंच पर बवाल भी हो गया.जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मदनी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के लिए आपत्तिनजक शब्दों का भी इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा अल्लाह ने इसी धरती पर मनु यानी आदम को उतारा है, जिसकी पत्नी हव्वा है जिनको तुम हेमवती कहते हो. ये हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके पूर्वज हैं. मदनी के बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने स्टेज पर खड़े होकर विरोध जताया. बयान से नाराज कई लोगों ने तुरंत ही मंच छोड़ दिया.
बता दें कि, दिल्ली में चल रहा जमीयत उलेमा ए हिंद का अधिवेशन लगातार विवादों में है. बीते दिन भी महमूद मदनी ने भी कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान जारी किया था. उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और इस्लाम की पैदाइश भारत में हुई है. उन्होंने (हिंदू) समझा मस्जिदों को तोड़कर इस्लाम खत्म हो जाएगा तो ऐसा नहीं है. अगर दिल कबूल नहीं करता तो इस्लाम उसका नहीं हो सकता. हम हिंदू के साथ भाई-भाई की तरह रहते हैं.
उन्होंने कहा कि वह मुसलमानों को समझना चाहिए कि अल्लाह ने आखिरी नबी पैगंबर मोहम्मद को अरब में भेजा. अगर वो चाहता तो उनको अमेरिका, स्विट्जरलैंड, अफ्रीका में उतार सकता था. लेकिन उसने अरब की जमीन पर उतारा. इसी तरह पहले नबी आदम को भारत की धरती पर उतारा. अगर वो चाहता तो अफ्रीका, अरब रूस में उतरता लेकिन हमारा विश्वास है कि अदम को उतारने के लिए भारत की जमीन को चुना मदनी ने कहा कि जब न श्री राम थे और न शिव थे तो मनु किसको पूजते थे? कोई कहता जैन शिव को पूजते थे. बहुत ने कहा ओम को पूजते थे. हवा को पूजते थे, जो हर जगह थे. इसी को तो हम अल्लाह कहते हैं. मनु यानी आदम है. ये दुनिया का इतिहास है. हर जगह की मिट्टी लेकर अल्लाह ने आदम यानी मनु की औलाद को बनाया. सबसे पहले ला इलाहा इल्लाह लल्ला की आवाज भारत की धरती पर उतरी.