जयपुर, 13 जुलाई । पन्द्रहवीं राजस्थान विधान सभा के शुक्रवार से पुन: आरम्भ हो रहे आठवें सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। वर्ष के अंत में विधानसभा चुनावों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के मौजूदा कार्यकाल का संभवत: ये आखिरी विधानसभा सत्र रहेगा। माना जा रहा है कि सरकार इस आखिरी सत्र में जनहित से जुड़े ज़्यादा से ज़्यादा विधेयकों को मंज़ूरी दिलाने की कोशिश में रहेगी वहीं विपक्ष ने भी भ्रष्टाचार, पेपर लीक और कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है।
आठवें सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के विशेष सम्बोधन से होगी। चौदह जुलाई को प्रात: ग्यारह बजे विधान सभा के सदन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का विशेष सम्बोधन होगा। विधान सभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने बताया कि 14 जुलाई को प्रात: दस बजकर पचास मिनिट पर विधान सभा पहुंचने पर राष्ट्रपति की अगवानी की जायेगी। राजस्थान विधान सभा में राष्ट्रपति का सम्बोधन पहली बार हो रहा हैं। राज्य विधान सभा के लिए यह गौरवशाली और ऐतिहासिक पल होंगे। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए विधान सभा भवन पर भव्य रोशनी की जा रही हैं। विधान सभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी स्वागत उदबोधन देंगे। इस मौके पर राज्यपाल कलराज मिश्र सहित विधायकगण सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहेंगे।
इधर विधानसभा सत्र को लेकर सरकार की ओर से विशेष तैयारी की जा रही है। इसमें मुख्य रूप से बजट सत्र में पारित नहीं हो पाए विधेयक को इस बार पारित कराने का प्रयास किया जाएगा। वहीं वर्तमान सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के लिए अतिरिक्त अनुदान मांंगों को भी सदन में पारित करवाया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कुछ नई योजनाओं की घोषणा भी सदन में करने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा सरकार की ओर से नक़ल विरोधी बिल, विश्वविद्यालय बिल और सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसे बिल विधानसभा से पारित करने के लिए पेश किये जा सकते हैं।
इस बीच मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। वर्तमान राज्य सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले, पेपर लीक और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष मुखर हो सकता है। वहीं भरतपुर में हार्डकोर अपराधी पर खुलेआम फायरिंग सहित विभिन्न मामलों पर विपक्ष का हंगामा तय है।