- हिंसा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से मामले पर रिपोर्ट तलब करने की मांग
नई दिल्ली, 11 अप्रैल । सुप्रीम कोर्ट रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के मामले पर 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा। आज वकील हरिशंकर जैन ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की। उसके बाद कोर्ट ने 17 अप्रैल को सुनवाई का आदेश दिया।
हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस ने दायर याचिका में 30 मार्च को रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और गुजरात में शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा की जांच की मांग की गई है। याचिका में रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान हुए दंगों में घायल होने वाले श्रद्धालुओं और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान का हर्जाना देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हिंसा फैलाने वालों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही हर्जाना वसूला जाए।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया जाए कि किसी भी इलाके को सिर्फ मुस्लिम बहुल क्षेत्र बताकर हिन्दुओं की शोभायात्राओं और जुलूसों को अनुमति देने से नहीं रोका जाए। इसके अलावा याचिका में हिंसा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से मामले पर रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है।