कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन सामने आने के बाद वैक्सीन की बूस्टर डोज और बच्चों के टीककरण को लेकर सवाल हो रहे हैं. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि वैज्ञानिक सलाह पर सरकार बच्चों के टीकाकरण और बूस्टर डोज पर निर्णय लेगी.
लोकसभा में कोविड-19 के हालात पर मैराथन डिबेट के दौरान शुक्रवान को केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘बच्चों को वैक्सीन देने और कोरोना के खिलाफ बूस्टर डोज लगाने का फैसला विशेषज्ञों की टीम करेगी. हम वैज्ञानिकी सलाह के मुताबिक ही आगे की कार्रवाई करेंगे.
संसद में मौजूद कई सदस्यों ने सरकार से बूस्टर डोज और बच्चों को वैक्सीन दिये जाने के बारे में सवाल पूछा था. जिसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह बात कही है. इन सदस्यों ने सरकार से यह भी पूछा था कि इस महामारी का असर बच्चों की पढ़ाई पर कितना हुआ है. इसके अलावा आर्थिक तौर से पिछड़े परिवारों के बच्चों को डिजिटल एजुकेशन कितना प्रभावित कर रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोरोना के हालात पर चर्चा में करीब 75 सदस्यों ने हिस्सा लिया. इसपर महत्वपूर्ण विषय पर करीब 12 घंटों तक चर्चा की गई है. गुरुवार की मध्यरात्रि तक इस विषय पर चर्चा खत्म हुआ और केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को इसपर जवाब दिया.
मांडविया ने शुक्रवार को संसद को बताया किया कि ‘जोखिम वाले’ देशों के 16 हजार यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट अब तक किए गए हैं। इनमें से 18 कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ये यात्र ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित हैं या नहीं? इसका पता लगाने के लिए इनके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग चल रही है.
लोकसभा में महामारी पर बहस के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश को भविष्य की किसी भी चुनौती के लिए तैयार करने के उपाय किए हैं और बफर स्टाक नीति को अपनाया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी राज्यों के पास आगे कभी भी कोरोना के मामलों में इजाफा से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं हों।