संयुक्त राष्ट्र महासभा में हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर का राग अलापा. वो इस कोशिश में रहते हैं कि कश्मीर को लेकर किसी तरह भारत को कठघरे में खड़ा किया जाए. लेकिन भारत ने इस बार भी इमरान खान की बोलती बंद कर दी. भारत की युवा अधिकारी ने इमरान खान के मंसूबों पर पानी फेरते हुए ऐसी फटकार लगाई कि वो शायद ही कभी भूल पाएं.
इस बार भारत की तरफ से जवाब देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे सामने थीं. उन्होंने बड़े ही प्रभावी तरीके से पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे. इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं. हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं. इस करारा जवाब के बाद से सोशल मीडिया पर #SnehaDubey ट्रेंड करने लगा. ट्विटर से लेकर फेसबुक पर लोग इस दमदार महिला अधिकारी के बारे में सर्च करने लगे.
स्नेहा दुबे ने राइट-टू-रिप्लाई का इस्तेमाल करते कहा, ‘यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान के नेता ने यूएन के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए किया है. पाकिस्तानी नेता इससे अपने देश की दुखद स्थिति से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां आतंकी खुले घूमते हैं. जबकि आम नागरिक, खास तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ अत्याचार किया जाता है’.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्नेहा दुबे ने कहा कि कई देशों को यह जानकारी है कि पाकिस्तान का आतंकियों को पनाह देने, उन्हें सक्रिय रूप से समर्थन देने का इतिहास रहा है. यह उसकी नीति है. उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसा देश है, जिसे विश्व स्तर पर आतंकियों को समर्थन देने, हथियार उपलब्ध कराने और आर्थिक मदद करने के रूप में पहचान मिली है.
कौन हैं स्नेहा दूबे?
पूरी दुनिया के सामने इमरान खान को आईना दिखाने वाली स्नेहा दुबे ने पहले अटेम्प्ट में ही UPSC में सफलता प्राप्त की थी. वे 2012 बैच की महिला IFS अधिकारी हैं. आईएफएस बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई. इसके बाद उन्हें 2014 में मैड्रिड के भारतीय दूतावास भेजा गया. मौजूदा वक्त में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव हैं. स्नेहा दुबे को पहले से ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में बहुत रुचि थी जिसके चलते उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में जाने का फैसला लिया.
उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गोवा से की है. इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और अंत में दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल किया. स्नेहा अपने परिवार में सरकारी सेवाओं में शामिल होने वाली पहली हैं. उनके पिता एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं जबकि उनकी मां एक स्कूल टीचर हैं.