उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे और ताजमहल में शिवलिंग होने के दावे के बाद अब कर्नाटक की एक मस्जिद को लेकर चौंका देने वाला दावा सामने आया है. ये दावा कर्नाटक की जामिया मस्जिद को लेकर किया गया है.
राइट विंग ग्रुप के निशाने पर अब कर्नाटक के मांड्या में बनी जामा मस्जिद है. उनका दावा है कि टीपू सुल्तान ने एक हनुमान मंदिर को तोड़कर ये मस्जिद बनवाई थी और इसके ऐतिहासिक प्रमाण भी मौजूद हैं. उनकी मांग है कि इसे अब फिर से वापस हिंदुओं को सौंपा जाना चाहिए.
राइट विंग के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को शहर के जामिया मस्जिद में अंजनेय की मूर्ति की पूजा की अनुमति की भी मांग की है. सभी कार्यकर्ताओं ने पूजा की मांग को लेकर मांड्या के उपायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा है.
नरेंद्र मोदी विचार मंच के सदस्यों ने मांड्या के कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपकर दावा किया कि मस्जिद एक हनुमान मंदिर पर बनाई गई थी और इसे हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए. जामा मस्जिद के रूप में जानी जाने वाली ये मस्जिद 236 साल पुरानी बताई जाती है.
श्रीरंगपट्टन में बनी ये मस्जिद अब नए विवाद का कारण बन सकती है. विचार मंच के सचिव सीटी मंजूनाथ का कहना है कि पर्सिया के शासक को लिखे पत्र में टीपू ने कहा था कि उसने हनुमान मंदिर को तोड़कर ये मस्जिद बनवाई थी। इसके स्तंभों पर हिंदू श्लोक लिखे हुए हैं.
उनका दावा है कि 1782 में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के बाद टीपू सुल्तान द्वारा मस्जिद का निर्माण किया गया था. यह साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं कि मस्जिद कभी हिंदू मंदिर थी. मस्जिद के अंदर तत्कालीन होयसला साम्राज्य के प्रतीक हैं. मंजूनाथ का कहना है कि हिंदुओं को इसमें पूजा करने की अनुमति दी जाए. मस्जिद अधिकारियों ने दक्षिणपंथी नेताओं से सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया है.
मस्जिद-ए-आला श्रीरंगपट्टन किले में बनी हुई है. माना जाता है कि विजयनगर साम्राज्य के शासन के दौरान यहां हिंदू मंदिर बनाया गया था. फिलहाल यहां एक मदरसा चल रहा है. कर्नाटक के पूर्व मंत्री के ईश्वरप्पा का कहना है कि मुगल शासन के दौरान यहां बने 36 सौ मंदिरों को ध्वस्त किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक हम दावा करेंगे कि सभी मंदिरों को वापस हिंदुओं को सौंपा जाए.