प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को कोयला घोटाले मामले में एक बार फिर समन भेजा है. जानकारी के मुताबिक, ईडी अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी से मामले में पूछताछ करना चाहती है. जानकारी के मुताबिक, दोनों को अलग-अलग दिन पूछताछ के लिए बुलाया है. ईडी पहले अभिषेक बनर्जी से 21 मार्च को पूछताछ करेगी और फिर 22 मार्च को रुजिरा बनर्जी से पूछताछ होगी.
अधिकारियों ने बताया कि ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को यहां अगले सप्ताह जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने निदेशालय के समक्ष पेश होने के लिए उन्हें जारी समन को चुनौती देने वाली यचिका 11 मार्च को खारिज कर दी थी.
इससे पहले दम्पत्ति को पिछले साल 10 सितंबर को समन जारी किए गए थे और उन्होंने अदालत से ईडी को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उन्हें दिल्ली में पेश होने के लिए समन जारी नहीं किए जाने चाहिए, क्योंकि वे पश्चिम बंगाल के निवासी हैं.
सीबीआई द्वारा नवंबर 2020 में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दायर किया है. इसमें करोड़ों रुपये की कोयला चोरी का आरोप है. इससे पहले सीबीआई ने 15 मार्च 2021 को अभिषेक बनर्जी की साली मेनका के पति अंकुश और ससुर पवन अरोड़ा को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था.
इस केस में अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य संदिग्ध है. ईडी ने पहले दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन का लाभ उठाया, जबकि उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया है.
क्या है कोयला घोटाला
27 नवंबर 2020 को CBI की कोलकाता एंटी करप्शन ब्रांच ने पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अवैध खनन और उसकी ढुलाई से जुड़ा मामला दर्ज किया था. इन हिस्सों में खनन की जिम्मेदारी कोल इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ईसीएल को दी गई थी. ईसीएल की एक टीम ने अपनी जांच में पाया कि पट्टे क्षेत्र में व्यापक रूप से अवैध कोयला खनन और उसकी ढुलाई हो रही है. इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर कोयले की जब्ती की गई.
आसनसोल से लेकर पुरुलिया और बांकुरा तक और झारखंड में धनबाद से लेकर रामगढ़ तक कोल पट्टी में कई ऐसी खदानें हैं जहां खनन कार्य बंद था लेकिन खनन माफिया अवैध तरीके से काम कर रहे थे. नवंबर 2020 में सीबीआई ने ईसीएल के कई अधिकारियों समेत रेलवे और सीआईएसएफ के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.