कोरोना काल में होटलों का रहा सहयोग
प्रशासन के कर माफी पर मनपा में मतभेद
बाकी है 144 करोड़ का कर, राजस्व घटने का डर
मुंबई-कोरोना काल की शुरुआत में जब क्वारंटीन सेंटरों का अभाव था, मरीजों और कोरोना योद्धाओं के लिए वैकल्पिक आवासीय व्यवस्था नहीं थी तब शासन-प्रशासन को सहयोग करने में होटल मालिक आगे आये थे. इसको ध्यान में रखते हुए कमरे अधिकारियों और कर्मचारियों को रूम उपलब्ध कराने वाले होटल मालिकों को प्रशासन ने संपत्ति कर में तीन महीने की छूट देने का फैसला किया है। हालांकि प्रशासन ने पहले होटलों के ग्रेड के अनुसार उन्हें 1500 से 3500 रूपये तक किराया देने का निर्णय किया था लेकिन होटल मालिकों द्वारा मेंटेनेंस खर्च ज्यादा होने के अनुरोध पर किराए को बढ़ाकर 2000 से 5000 हजार प्रतिदिन कर दिया गया था. इसमें थ्री स्टार से लेकर फाइव स्टार तक के होटलों का समावेश था.
जांच में जबसे मनपा को पता चला कि होटल मालिकों ने पहले ही संपत्ति करों का 144 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया है, तबसे मनपा के अंदरखाने में इस बात को लेकर मतभेद हो गया है कि क्या होटल मालिकों को 22 करोड़ रुपये से अधिक की छूट दी जानी चाहिए। चूंकि लॉकडाउन के दौरान परिवहन व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी, इसलिए कर्मचारियों को आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए नगरपालिका ने 186 से अधिक होटल न्यूनतम किराए पर लिए थे। कुछ होटलों में तो संदिग्ध रोगियों के लिए भी क्वारंटीन की व्यवस्था की गई थी. मनपा के तीन महीने के संपत्ति कर माफ़ी के फैसले के हिसाब से 186 होटलों को 22 करोड़ 67 लाख रुपये के संपत्ति कर से छूट मिलेगी। हालांकि कर राहत का मामला राज्य सरकार के दायरे में आता है। इसलिए होटल मालिकों को दी जाने वाली रियायत की राशि को मनपा के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के कराधान और संग्रह विभाग के खाते में जमा किया जाएगा।