तेलंगाना के सांगा रेड्डी जिले के महात्मा ज्योतिबा फुले पिछड़ा वर्ग कल्याण स्कूल के 45 छात्र और एक शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. संगारेड्डी जिला के डीएम और एचओ डॉ गायत्री के अमुसार, छात्रों को आइसोलेशन में रखा गया है और उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं, ओमिक्रॉन वैरिएंट्स के दुनिया में बढ़ते कहर के बीच स्टूडेंट्स के सैंपल्स को जांच के लिए भेज दिया गया है.
स्कूल के 291 स्टूडेंट्स और 27 स्कूल स्टाफ सहित टीचर्स पर कोविड टेस्टिंग की गई थी. स्कूल में कुल 491 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. इकट्ठा किए गए सैंपल्स को हैदराबाद में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है. वहीं, स्टूडेंट्स को हॉस्टल में क्वारंटाइन कर दिया गया है. ताकि अन्य स्टूडेंट्स या स्कूल के स्टाफ तक कोरोना का प्रकोप न फैले.
तेलंगाना सरकार ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए निगरानी प्रणाली को मजबूत किया है और टीमों को सतर्क कर दिया है. तेलंगाना में सरकार ने एक सितंबर से स्कूलों को खोलने की अनुमति दी थी. इसके अलावा, देश के कई अन्य राज्यों में भी एक सितंबर से ही स्कूल-कॉलेज दोबारा खोले गए हैं.
राज्य के जन स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीनिवास ने पत्रकारों से कहा कि दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, हांगकांग और कुछ यूरोपीय देशों में नए ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप का पता चला है और इसलिए वहां से टीकाकरण कराकर आने वालों को भी घरों में पृथक कर निगरानी की जाएगी.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है या आंशिक रूप से टीका लगाया गया है, उनकी जांच की जाएगी और यदि कोई संक्रमित पाया गया तो उनके नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए सीडीएफडी प्रयोगशाला भेजा जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 3,535 है. आज कुल 22,356 नमूनों की कोविड-19 जांच की गई.