कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Coronavirus Omicron Variant) को लेकर जारी चिंताओं के बीच अब केंद्र सरकार बूस्टर डोज को लेकर मंथन कर रही है. दक्षिण अफ्रीका के बाद कई देशों में मिले ओमिक्रॉन वैरिेएंट ने चिंता बढ़ा रखी है. इसी वजह से ऐसा कहा जा रहा है कि अब इस वैरिएंट को देखते हुए सरकार वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का जल्द ऐलान कर सकती है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विशेषज्ञों का एक ग्रुप वैक्सीन के तीसरे डोज को लेकर पॉलिसी बनाने पर काम कर रहा है.
क्या कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक की जरूरत है? या फिर स्वस्थ लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत होनी है, तीसरी खुराक कब देनी चाहिए? अगर इसे देना है तो किसे देना चाहिए? दूसरी और तीसरी खुराक के बीच कितना अंतर होना चाहिए? नीति बनाते समय इन सभी बातों पर विचार किया जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार, अतिरिक्त खुराक प्रतिरक्षा में अक्षम लोगों को दी जाती है, जबकि स्वस्थ लोगों को दूसरी खुराक लेने के कुछ महीनों के बाद बूस्टर शॉट (Booster Shot) दिया जाता है. जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर या ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी बीमारियों के कारण खराब हो जाती है, उन्हें तय किए गए दो-डोज वैक्सीनेशन प्रोग्राम से सुरक्षित नहीं किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में, स्वस्थ आबादी से पहले ऐसे लोगों को तीसरी खुराक देना अहम हो जाता है.
पहली बार दक्षिण अफ्रीका ने 24 नवंबर को इस वैरिएंट का खुलासा किया था, वहीं 26 नवंबर आते-आते ओमिक्रॉन 5 देशों तक फैल चुका था. अब 28 नवंबर तक ओमिक्रॉन ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत केस कम से कम 11 देशों में मिल चुके हैं. कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट इन देशों के अलावा एक दर्जन और देशों में फैल चुका है और इसके केस धीरे-धीरे सामने आएंगे. यानी ओमिक्रॉन वैरिएंट का कहर जल्द ही और देशों में भी देखने को मिल सकता है. भारत में भी इसे लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है.