केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को नागपुर में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) से संबंधित 12 स्थानों पर छापेमारी की। एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई देशमुख के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में की गई है।
सीबीआई की टीमें मुंबई और दिल्ली से शुक्रवार रात नागपुर पहुंची थीं और उन्होंने शनिवार को छापेमारी शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि जिन 12 स्थानों पर छापेमारी की गई वह या तो देशमुख के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के आवासीय या कार्यालय परिसर हैं।
अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके चलते पिछले साल अप्रैल में उन्होंने राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें पिछले साल एक नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
देशमुख के खिलाफ सीबीआई ने अपनी जांच 21 अप्रैल 2021 को उनके किलाफ कथित भ्रष्टाचार की एक एफआईआर दर्ज करने के बाद शुरू की थी। परमबीर सिंह ने देशमुख पर आरोप लगाए था कि गृह मंत्री रहते हुए उन्होंने रेस्तरां और बार से प्रति माह सौ करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था। वहीं, अनिल देशमुख ने ये आरोप खरिज किए हैं।
ईडी का मामला यह है कि राज्य के गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे के माध्यम से मुंबई में विभिन्न बारों व रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए। ईडी ने दावा किया कि इस पैसे को नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान में भेज दिया गया, जो देशमुख परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षिक ट्रस्ट है।