मुंबई-कोरोना काल में मरीजों का उपचार करते समय बड़ी संख्या में डॉक्टर्स और नर्स संक्रमित हो गए थे. ट्रेनिंग के अभाव में साथी डॉक्टर्स उनका उपचार नहीं कर पाए थे. इस तरह की कोई ट्रेनिंग भी उन्हें कोर्स के दौरान नहीं दी गयी थी. पिछले कई सालों से संक्रमितों का उपचार करते हुए इस तरह की समस्या सामने आ रही थी. इसको ध्यान में रखते हुए अब एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे डॉक्टरों को महामारी के दौरान पीपीई किट का प्रयोग करने से लेकर टेस्टिंग तक की जानकारी, महामारी के आपात काल में चिकित्सा व्यवस्था कैसी हो, लोगों के मन से भ्रम निकालने आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। बोर्ड ऑफ गव्हर्नर्स अर्थात भारतीय चिकित्सा परिषद ने ‘महामारी का व्यवस्थापन’ विषय को एमबीबीएस के कोर्स शामिल करने का निर्णय लिया है. भारत के सभी चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) इस विषय को पढ़ाएंगे। भविष्य में कोरोना जैसा संकट आने पर ये विद्यार्थी उससे निपटने में समर्थ होंगे।
वर्तमान परिस्थिति में कोरोना संक्रमण से पीड़ित साथी डॉक्टरों का आपातकाल में कैसे उपचार करें किसी को मालूम नहीं था. इसकी किसी को ट्रेनिंग भी नहीं थी. भविष्य में सभी चिकित्सा पैथी तथा अन्य डॉक्टर्स के पदवी वाले कोर्स के विद्यार्थियों को भी इसका प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग के 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों ने यह कोर्स तैयार किया है. शिक्षा विभाग विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष डॉ. अविनाश सुपे ने बताया कि इस कोर्स से साल में अकसर आने वाले स्पॅनिश फ्लू, प्लेग, सार्स, स्वाईन फ्लू, निपा व्हायरस, मंकी फीवर, जापानी ज्वर, बर्ड फ्लू आदि से डॉक्टरों की सुरक्षा सुदृढ़ होगी।