मुंबई.।। कोरोना के साथ ही साथ मुंबई में मलेरिया का प्रकोप बढ़ गया है. पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष अगस्त महीने में दोगुने मरीज मिले हैं. कोरोना के कहर से लोग परेशान ही थे कि मलेरिया के तड़के ने मुंबई करों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले महीने मलेरिया के 1,137 मरीज मिले जिसमें दो लोगों की मौत हो गई.
मलेरिया को फैलने से रोकने के लिए बीएमसी कर्मचारी घरों का सर्वे कर दवाओं का वितरण कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों और दवाखानों को निर्देश दिया है कि मानसून जनित रोगों के अनुसार मरीजों का उपचार करें.
मुंबई में अगस्त महीने में मलेरिया के 1,137 मरीज मिले थे. लेप्टोस्पायरोसिस के 45, स्वाइन फ्लू के 1, गैस्ट्रो के 53, हेपेटाइटिस 10 और डेंग्यू के 10 मरीज मिले थे. जबकि अगस्त 2019 में मलेरियाके 824, लेप्टोस्पायरोसिस के 49 मरीज मिले थे जिससे से दो की मौत हो गई थी. स्वाइन फ्लू के 36 मरीजों में से 1 की मौत हुई थी. इसके अलावा गैस्ट्रो 623, हेपेटाइटिस के 147, डेंग्यू के 134 मरीज मिले थे. गत वर्ष के आंकड़ो से पता चलता है कि इस वर्ष मलेरिया के आधिक मरीज मिले हैं.
मुंबई में मलेरिया मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मरीजों के खून की जांच करने का निर्देश अस्पतालों को दिया गया है. जिस इलाके में मलेरिया के अधिक मिल रहे हैं वहीं कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. पानी संचित होने वाले इलाकों में डॉक्सीक्लिन टेबलेट का वितरण किया जा रहा है. पानी जमा होने वाले स्थानों का तीन बार सर्वे किया गया है. अब तक 25 लाख 84 हजार 239 लोगों को टेबलेट वितरित किया गया है. पानी जमा होने वाली जगहों के 829 बच्चों को एजिथ्रोमायसिन प्रोफायलॅक्सिस दवा दी गई है. 72, 921 चूहों के बिलों को बंद किया गया है.