दशहरा के मौके पर मुंबई में शिवसेना के दोनों एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट ने रैली कर अपनी-अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। एकनाथ शिंदे ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) स्थित एमएमआरडीए मैदान में रैली की थी। वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मध्य मुंबई स्थित शिवाजी पार्क में परंपरागत रूप से रैली की। वहीं, इसके एक दिन बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दोनों की रैलियों पर प्रतिक्रिया दी है।
देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि मैं सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को बधाई देना चाहता हूं, उन्होंने साबित कर दिया कि असली शिवसेना कौन है। उनकी रैली में राज्यभर के लोग आए, इसने स्थापित किया कि असली शिवसेना सीएम शिंदे की शिवसेना (Shiv Sena) है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुंबई में दशहरा रैली में “भारी” भीड़ ने दिखाया कि असली शिवसेना का नेतृत्व कौन करता है। उन्होंने बुधवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित एक अन्य रैली को “शिमगा” करार दिया।
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने खुद ठाकरे और शिंदे दोनों के भाषण नहीं सुने थे। फडणवीस ने कहा कि वह नागपुर में धम्मचार प्रवर्तन दिवस समारोह में व्यस्त थे, लेकिन उन्हें दोनों भाषणों का सार समझ में आ गया और बाद में उन्होंने यूट्यूब पर शिंदे का भाषण सुना।
फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि मैं उद्धव ठाकरे के भाषण पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। ‘शिमगा’ पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है।” होली के त्योहार से पहले महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में शिमगा उत्सव में अलाव जलाना शामिल है, लेकिन उत्सव के दौरान हल्के-फुल्के अंदाज में गाली-गलौज या अश्लील भाषा का इस्तेमाल करने वालों की भी प्रथा थी। फडणवीस ने कहा कि शिमगा के अलावा भाषण में कुछ भी नहीं था।
इस दौरान उन्होंने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि शिवसेना में विभाजन का कारण यह था कि ठाकरे ने शिवसेना की विचारधारा को एक तरफ रख दिया था और राकांपा और कांग्रेस की विचारधारा को स्वीकार कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि ठाकरे मुंबई विस्फोटों से संबंध रखने वाले और स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर को गाली देने वालों के साथ बैठ गए।
एकनाथ शिंदे की तारीफ करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे शिंदे को बधाई देनी चाहिए क्योंकि उन्होंने विकास के बारे में बात की थी। उन्होंने इस बारे में बात की कि हम क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने हमेशा पार्टी प्रमुख की तरह बात की ना कि राज्य के सीएम के तौर पर।