पंजाब में ड्रग्स केस के आरोपी अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के विदेश भागने की आशंका है. इसलिए पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए लुकआउट नोटिस जारी करवा दिया है. जिसके जरिए सभी एयरपोर्ट, बंदरगाह और अन्य सभी जगहों पर अलर्ट जारी कर दिया है. ताकि अगर मजीठिया वहां से भागने की कोशिश करें तो उन्हें पकड़ा जा सके.पं
पंजाब सरकार की योजना थी कि केस दर्ज करते ही मजीठिया को रात में ही गिरफ्तार कर लिया जाए. इसके लिए उन्होंने मजीठिया के मोबाइल की लोकेशन को ट्रैक कर रखा था. मोबाइल लगातार उनके चंडीगढ़ स्थित सरकारी फ्लैट की लोकेशन बता रहा था. इससे सरकार को लग रहा था कि मजीठिया केस से बेखबर हैं और चंडीगढ़ में रुके हैं। सोमवार आधी रात को केस दर्ज करने के बाद जब पुलिस ने वहां रेड की, तो मजीठिया की जगह सिर्फ उनका मोबाइल मिला.
पंजाब पुलिस की SIT की टीमें अब तक 16 जगहों पर रेड कर चुकी हैं लेकिन मजीठिया का कोई पता नहीं चला है. अब मजीठिया के करीबियों की लिस्ट तैयार की जा रही है ताकि उनसे पूछताछ की जा सके. इसके अलावा स्पेशल टास्क फोर्स (STF) रिपोर्ट में दर्ज नेताओं से भी पूछताछ करने की तैयारी की जा रही है. पुलिस मजीठिया के ड्रग्स रेकेट के पकड़े जाने के दौरान की कॉल डिटेल्स भी निकलवा रही है. उनसे भी ड्रग केस में पूछताछ की जाएगी.
वहीं, चुनाव की घोषणा से चंद दिन पहले पंजाब पुलिस की SIT लगातार मजीठिया की तलाश में रेड कर रही है. सरकार किसी तरह मजीठिया को गिरफ्तार कर नशे के मुद्दे पर अपनी इमेज सुधारने की कोशिश कर रही है. वहीं, अकाली दल भी कानूनी रास्ते से मजीठिया के बचाव की कोशिश में जुट गया है.
बता दें मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. राज्य में मादक पदार्थ से जुड़े 2018 के एक मामले की स्थिति रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है. यह रिपोर्ट मादक पदार्थ विरोधी विशेष कार्य बल (STF) के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने 2018 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दाखिल की थी.
FIR में क्या है?
मोहाली थाना पुलिस की अपराध शाखा ने एनडीपीएस कानून के तहत मजीठिया के खिलाफ 49 पन्नों की FIR दर्ज की है. FIR में धारा 25 (अपराध करने के लिए अपने परिसर का उपयोग करने देने की सजा), 27ए (मादक पदार्थ की खरीद, बिक्री, उत्पादन, विनिर्माण, भंडारण, परिवहन, उपयोग, आयात या निर्यात) और 29 (अपराध की योजना बनाना या उसके लिए उकसाना) शामिल हैं. FIR में रेखांकित किया गया है कि मामला दर्ज करने से पहले पंजाब के महाधिवक्ता से कानूनी सलाह भी ली गई थी.
FIR के अनुसार, ‘STF की स्थिति रिपोर्ट के साथ-साथ महाधिवक्ता के विचार में जमानती अपराध हुआ है इसलिए मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.’ उसमें कहा गया है कि मामले की जांच विशेष जांच एल (एसआईटी) द्वारा की जानी चाहिए, जिसके लिए अलग से आदेश जारी किए जाएंगे.
उच्च न्यायालय में लंबित STF की यह रिपोर्ट जगजीत सिंह चहल, जगदीश सिंह भोला और मनिंदर सिंह औलख सहित कुछ आरोपियों के बयान पर आधार है. ये सभी 2013 के करोड़ों रूपये के मादक पदार्थ रैकेट मामले में आरोपी हैं जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. इस मामले में ईडी ने दिसंबर 2014 में मजीठिया से भी पूछताछ की थी, उस दौरान वह अकाली सरकार में मंत्री थे.