त्रिपुरा में बीते दिन गिरफ्तार की गई अभिनेत्री और टीएमसी नेता सायोनी घोष को जमानत मिल गई है. पश्चिम त्रिपुरा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है. अगरतला पुलिस ने रविवार को घोष को हत्या के प्रयास और हिंसा उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
सायोनी घोष को मुख्यमंत्री बिप्लब देब की जनसभा को कथित रूप से “परेशान” करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. त्रिपुरा में पुलिस ने घोष पर कथित तौर पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, हत्या के प्रयास, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश रचने के अलावा शनिवार को बिप्लब देब के नेतृत्व में एक निकाय चुनाव रैली को बाधित करने के आरोप भी लगाए हैं.
रिपोर्टों के अनुसार, घोष ने मुख्यमंत्री द्वारा संबोधित एक बैठक में तृणमूल कांग्रेस के ‘खेला होबे’ के नारे लगाए. इसके तुरंत बाद, भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वी अगरतला महिला पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने दावा किया कि बिप्लब देब की रैली में शामिल होने वाले किसी व्यक्ति ने सायोनी घोष को एक वाहन में देखा और “दीदी, खेला होबे” के साथ उनका अभिवादन किया. युवा नेता ने “हां, खेला होबे” के साथ जवाब दिया. घोष की गिरफ्तारी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के अगरतला में निर्धारित रोड शो से एक दिन पहले हुई है.
तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने दावा किया कि कथित ‘हत्या के प्रयास’ मामले में घोष की गिरफ्तारी के पीछे का मकसद अभिषेक बनर्जी की रैली को बाधित करना था.
इस बीच, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को अगरतला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया, जहां उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मतदाता स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं, जिसकी मौजूदा स्थिति को देखते हुए काफी कम संभावना है, तो भाजपा अपना खाता (अगले विधानसभा चुनावों में) खोलने में विफल हो जाएगी.
उन्होंने आगे कहा, ‘यदि आपको मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए भाजपा का झंडा धारण करने की आवश्यकता है, तो ऐसा करें. अपने आप को गुंडों से बचाने के लिए उनके राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लें, लेकिन विकास समर्थक टीएमसी के लिए अपना वोट डालें.’
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कल से आतंक का राज खोल दिया है क्योंकि उन्हें पहले से ही समझ में आ गया है कि सरकार में उनके दिन गिने गए हैं. अगर मैं त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देव और सुप्रीम कोर्ट में उनकी धमकी की रणनीति को हराने में विफल रहा, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.