जयपुर, 21 मार्च । चैत्र शुक्ल प्रतिपदा बुधवार 22 मार्च से नवरात्र शुरू होने जा रहे है जो 30 मार्च तक चलेंगे और नवरात्र उत्थापना नवमी 31 मार्च को होगी। घर-मंदिरों में घटस्थापना के साथ नौ दिनों तक पूजा-अर्चना होगी। साथ ही नवरात्र में मंदिरों और समाजों में यज्ञ और हवन आदि होंगे।
आमेर शिला माता मंदिर में स्थापना सुबह 6.35 बजे होगी। आमेर शिला माता मंदिर में पहले नवरात्र को घट स्थापना 22 मार्च की सुबह 6.35 बजे होगी। श्रद्धालु माता के दर्शन सुबह 7.35 बजे से कर सकेंगे।
मंदिर पुजारी बनवारी लाल शास्त्री ने बताया कि निशा पूजन 28 मार्च रात 10 बजे से होगी। हवन की पूर्णाहुति 29 मार्च को शाम 4.30 बजे होगी। जबकि नवरात्र उत्थापन दशमी 31 मार्च को सुबह 10.30 बजे होगी। नवरात्र के दौरान 23 से 31 मार्च तक प्रतिदिन माता रानी के दर्शन सुबह 6 से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम को 4 से 8.30 बजे तक होंगे। इस दौरान दोपहर 12.30 से शाम 4 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे।
मंदिर पुजारी बनवारी लाल शास्त्री ने बताया कि आमेर शिला माता की बालभोग झांकी सुबह 8 से 8.15 बजे तक, सुबह आरती सुबह 10 बजे,राजभोग सुबह 11 से 11.30 बजे तक,संध्या आरती शाम 6.45 बजे,रात्रि भोग रात 7.45 से 8 बजे तक और शयन आरती रात 8.30 बजे तक रहेगी।
गजकेसरी, बुधादित्य, सुकर्मा और सिद्ध योग रहेगा
ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव गौड ने बताया कि नवरात्र के पहले दिन गजकेसरी, बुधादित्य, सुकर्मा और सिद्ध योग रहेगा। 23 मार्च को सूर्याेदय से सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू होगा,जो 24 को दोपहर 3.52 तक रहेगा। इसके बाद यह योग 27 को सूर्याेदय से अगली सुबह 7.25 तक रहेगा। अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। अष्टमी पर 29 को शोभन, रवि पुष्य नक्षत्र, 30 मार्च को राम नवमी शाम 9.49 से 31 को रात 2.24 तक रहेगी।
दुर्गा माता मंदिर में 7 बजे होगी घट स्थापना
प्राचीन मंदिर श्री दुर्गा माता दुर्गापुरा में 22 मार्च को महंत महेन्द्र भट्टाचार्य के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ही मंगल घट स्थापना सुबह 7 बजे होगी। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। नवरात्रा के विशेष 9 दिनों में माता के दरबार में प्रज्वलित अखंड ज्योति के दर्शन लाभ होंगे। नवरात्र के प्रथम दिन माता का विशेष श्रृंगार ऋतु पुष्पों एवं आरी-तारी की पोशाक धारण कराई जाएगी। नवरात्र में सुबह 10 बजे माता की आरती होगी। मंदिर के पट दोपहर 12 बजे तक खुले रहेंगे। शाम को माता के श्रृंगार के साथ ही जरी गोटे की पोशाक धारण कराई जाएगी। शाम को 6.45 बजे संध्या आरती होगी। 9 बजे माता की शयन आरती होगी। 29 मार्च अष्टमी को रात 8 बजे पूर्णाहुति हवन होगा। दशमी 31 मार्च को सुबह घट उत्थापन होगा। इसके बाद कन्या भोजन करवाया जाएगा। नवरात्र में मंदिर के पट दिन में 6 बजे से दोपहर 12 तक और शाम को 5 बजे से रात 9 बजे तक खुले रहेंगे।