कमेंट्री बॉक्स में दर्शकों के भूतआप चौंक जाएंगे ये सुनकर मगर क्या आपने गौर किया? जब स्टेडियम खाली है तो दर्शकों के हो हल्ले की आवाज़ कहाँ से आ रही है? है न मजेदार। इसीलिए ये चर्चा का विषय बन गया कि कमेंट्री बॉक्स में ही दर्शकों के भूत आ बैठे क्योंकि ये एक व्यवस्था बनाई गई है जिससे मैच को टीवी पर देखने सुनने वालों का रोमांच बना रहे। अब सोचिए, स्टेडियम खाली है मगर दर्शकों के भूत देख रहे हैं मैच। आप सोचेंगे ये क्या बात हुई ? मगर सच है । दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन हिन्दुस्थान को छोड़कर यूएई में कराया जा रहा है और कोरोना की वजह से मुकाबले खाली स्टेडियम में खेले जा रहे हैं। ऐसे में दर्शकों के दिमाग में था कि आईपीएल कुछ फीका रह जाएगा, लेकिन दर्शक उस वक़्त चौंक गए होंगे जब लाइव मैच में उन्होंने मैदान पर उठता हुआ शोर सुना होगा और दर्शकों की चिलाती हुई आवाजे सुनी होगी। आईपीएल के मुकाबले में किसी तरह के चकाचौंध की कोई कमी नहीं थी। दरसल फ्रेंचाइजी टीमों ने पूर्व में रिकॉर्ड की गई दर्शकों के शोर की आवाजों को लगाकर शानदार माहौल बनाए रखा। शेख जायेद स्टेडियम की क्षमता 20,000 दर्शकों की है जो पूरा खाली था। मैदान पर 22 खिलाड़ियों के अलावा अधिकारी, स्टाफ, सुरक्षा और कुछ अन्य लोग वहां ही मौजूद थे और ऐसे ही माहौल में आईपीएल के महा मुकाबले का आरंभ हुआ। कमेंट्री बॉक्स से जब कमेंटेटर कमेंट्री कर रहे हो रहे हैं उनके पीछे दर्शकों के हो हल्ले की रिकार्ड चलाई जा रही है जिससे उत्साह और रोमांच बना रहे। ——-अकेले बैठे दादाकरीब 20 हजार दर्शकों के तादाद वाले स्टेडियम में दादा का सिंहासन चर्चा का विषय है। दरअसल, ऐसा पहली बार हो रहा है जब बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली पूरे स्टेडियम में अकेले बैठे मैच देख रहे हैं। जी हां, इस बार आईएपील बिना दर्शकों के खेला जा रहा है। और पूरी तरह खाली पड़े स्टेडियम में जब अतिथि गैलरी की ओर कैमरा गया तो एकमात्र मुंह पर मास्क लगाए सौरव गांगुली दिखाई दिए। जो एक बड़े से सोफे पर बैठे मैच देख रहे थे। ये एक अजीब सा अनुभव है खुद दादा के लिए भी और आईपीएल दीवानों के लिए भी। अकेले बैठे दादा ऐसे लग रहे थे मानो वे किसी घरेलू मैदान में अपने बच्चे की प्रैक्टिस देखने आ गए हों। मुंह मास्क से ढंका। चुपचाप बैठे सौरव गांगुली केवल मैदान की ओर निहार रहे थे। न कोई बात करने वाला, न कोई शोर शराबे की आवाज़। यानि पूरे मैच में दादा का अकेला सिंहासन था।