भारतीय भाला फेंक एथलीट सुमित अंतिल (Sumit Antil) ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में गोल्ड मेडल जीतकर सोमवार को इतिहास रचा. उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करते हुए सोने का तमगा अपने नाम किया. सुमित अंतिल ने भारत को इस प्रतियोगिता में तीसरा पदक दिलाया है.
उन्होंने सोमवार को पुरुषों (एफ 64 वर्ग) के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता है. सुमित की इस जीत के साथ ही भारत के मेडल की संख्या 7 हो गई है. सुमित ने 68.55 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. सुमित अंतिल का ये थ्रो वर्ल्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया है. टोक्यो पैरालंपिक में भारत का ये दूसरा स्वर्ण पदक है.
हरियाणा के सोनीपत के 23 साल के सुमित ने अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर दूर तक भाला फेंका, जो दिन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और एक नया विश्व रिकॉर्ड था. बल्कि उन्होंने 62.88 मीटर के अपने ही पिछले विश्व रिकॉर्ड को दिन में पांच बार बेहतर किया. हालांकि उनका अंतिम थ्रो ‘फाउल’ रहा. उनके थ्रो की सीरीज 66.95, 68.08, 65.27, 66.71, 68.55 और फाउल रही.
ऑस्ट्रेलिया के माइकल बरियन ने 66.29 मीटर थ्रो की बदौलत सिल्वर मेडल जीता. श्रीलंका के दुलन कोडिथुवक्कू ने 65.61 मीटर के थ्रो के साथ ब्रॉन्ज जीता. इसी इवेंट के F-44 क्लास में भारत के ही संदीप चौथे स्थान पर रहे जिन्होंने सीजन का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 62.20 मीटर का थ्रो किया.
करीब 6 साल पहले सड़क हादसे में अपना एक पैर गंवाने वाले सुमित ने बुलंद हौसलों, मेहनत और जज्बे के दम पर यह मुकाम हासिल किया है. हरियाणा के रहने वाले सुमित तीन बहनों के इकलौते भाई हैं. दिल्ली के रामजस कॉलेज के छात्र अंतिल दुर्घटना से पहले पहलवान थे. दुर्घटना के बाद उनके बाएं पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा. उनके गांव के एक पैरा एथलीट ने 2018 में उन्हें इस खेल के बारे में बताया.