बिहार के सहरसा जिले से एक वीडियो वायरल हुआ है, जहां पर थानेदार महिला से बॉडी मसाज करवा रहा है. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि थाने में महिला से मसाज कराते-कराते दारोगा किसी से फोन पर बात कर रहा है और साथ ही महिला को मदद का भरोसा दिला रहा है.
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल वीडियो में थानेदार शशि भूषण सिन्हा महिला से तेल मालिश करवाते दिख रहे हैं. कपड़े के नाम पर शरीर पर एक गमछा लपेटे थानेदार बैठे हुए हैं, वहीं उनके पास की ही एक कुर्सी पर एक दूसरी महिला भी बैठी नजर आ रही हैं. इस वीडियो में पुलिस वाले को वकील से बात करते हुए भी सुना जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मालिश कर रही महिला अपने बेटे को जेल से छुड़ाने के लिए आई थी. जिसके बाद थानेदार ने बेटे को जेल से निकालने के आश्वासन के साथ महिला को तेल मालिश करने को कहा.
यह वीडियो 20 दिन पुराना बताया जाता है, जो सोशल मीडिया पर अब जाकर वायरल हुआ है. बताया जाता है कि महिला अपने बेटे को जेल से छुड़ाने की अपील करने थाने पहुंची थी। महिला के बेटे को पुलिस ने किसी मामले में पकड़कर जेल भेज दिया था. यहां थानेदार साहब ने उसकी मजबूरी का फायदा उठाया और बात सुनने से पहले मालिश करने को कहा. जब महिला थानेदार की मालिश कर रही थी, तभी किसी ने वीडियो बना लिया और फिर वायरल कर दिया.
जब महिला मालिश कर रही थी, तब थानेदार ने किसी वकील को कॉल किया। वे कहते सुने गए कि महिला के बेटे की बेल करवा दें, इसके लिए 10 हजार रुपए वे दे रहे हैं. थानेदार शशिभूषण सिन्हा कहते सुने गए कि वकील साहब यह महिला बहुत गरीब-बेचारी है. कितने पैसे भेज दें? कल लिफाफा भेज देंगे. सोमवार को पूरा पता और मोबाइल नंबर देकर भेज देंगे. पप्पू बाबू निवेदन है, देख लीजिए। इसमें 10 हजार रुपए मेरा ही खर्चा है.
इस मामले पर सहरसा की पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया, ‘तत्कालीन थानाध्यक्ष डरहार ओपी शशिभूषण सिन्हा का वायरल वीडियो हमारे सामने आया है. इसकी सत्यता की जांच करने के लिए एसडीपीओ सदर को भेजा गया. शशिभूषण सिन्हा वहां पर तैनात थे, उस इलाके में एक रेप केस हुआ था.
अब इस वीडियो में दुष्कर्म के आरोपी की मां के कहने पर एक वकील से 10 वह हजार रुपये में बेल लेने की बात कर रहा है. साथ में जिस तरीके से वो बैठे हुए है या जो उनका आचरण है, जो उनका बॉडी लैंग्वेज है या जो भी वो करवा रहे है, वो अनुशासनहीनता, उद्दंडता को परिभाषित करता है. साथ ही एक अच्छे पुलिस पदाधिकारी का जो आचरण होता है, उसके एकदम विपरीत है.’