नई दिल्ली: सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध न होने से खफा किसान ने शुक्रवार को आत्मघाती कदम उठाने का प्रयास किया। सरकारी कार्यालय परिसर में आत्मदाह करने के मकसद से वह बोतल में डीजल भरकर ले गया। वहां खुद पर डीजल छिड़कने की कोशिश की। यह देखकर एकाएक हरकत में आई पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। डीजल की बोतल छिनने के चक्कर में पुलिस और किसान आपस में भिड़ गए। ऐसे में अफरा-तफरी मच गई। बाद में प्रशासनिक अधिकारी ने समझा-बुझाकर पीड़ित फरियादी को लौटा दिया।
जनपद गाजियाबाद की मोदीनगर तहसील में शुक्रवार को यह घटनाक्रम सामने आया। आक्रोशित किसान के कारण पुलिस-प्रशासन की बेचैनी बढ़ी रही। नजदीकी गांव गदाना निवासी किसान मनोज नेहरा दोपहर में तहसील परिसर में पहुंचा। मनोज के हाथ में डीजल की बोतल थी। एसडीएम कार्यालय के बाहर शोर-शराबा मचाकर पीड़ित किसान ने आत्मदाह की कोशिश की। वह खुद पर डीजल छिड़क पाता, इसके पहले वहां मुस्तैद कुछ पुलिस कर्मी हरकत में आ गए। पुलिस कर्मियों ने मनोज से डीजल से भरी बोतल को छिनने का प्रयास किया। नतीजन दोनों पक्ष आपस में उलझ गए।
बड़ी मुश्किल से पुलिस अपने प्रयासों में कामयाब हो पाई। दरअसल किसान का कहना था कि सिंचाई के लिए पानी रजवाहे से खेत तक नहीं पहुंच रहा है। बार-बार शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है। प्रशासन और सिंचाई विभाग बेसुध है। सिंचाई न होने से अगली फसल की बुआई में देरी होगी। इससे नुकसान उठाना पड़ेगा। उधर, एसडीएम आदित्य प्रजापति ने किसान की फरियाद को सुना। उन्होंने इस मामले में समुचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। तदुपरांत किसान वापस लौट गया। हालाकि इस घटनाक्रम के चलते तहसील परिसर में काफी देर तक अफरा-तफरी का आलम रहा। बता दें कि मोदीनगर तहसील क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से फरियादी आवेश में आकर जान तक देने को आमादा हो रहे हैं। इससे सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।