राजधानी दिल्ली (Delhi) के जंतर-मंतर भड़काऊ नारेबाजी से जुड़े मामले (jantar mantar hate sloganeering case) में BJP नेता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अश्विनी उपाध्याय के अलावा विनोद शर्मा, दीपक सिंह, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. प्रीत सिंह सेव इंडिया फाउंडेशन के निदेशक है, जिसके बैनर तले 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर कार्यक्रम किया गया था.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक बयान जारी कर कहा, “घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा. दिल्ली पुलिस कानून के मुताबिक मामले को संभाल रही है और किसी भी तरह की सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.” दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस आयोजन की इजाजत नहीं थी. वीडियो में देखे गए नारों की प्रकृति ने राजनीतिक नेताओं सहित विभिन्न वर्गों ने नाराजगी जताई है.
भड़काऊ नारे के मामले में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी. दिल्ली पुलिस का कहना है कि रविवार की घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा. अश्विनी उपाध्याय को कनॉट पैलेस थाने में बुलाया गया था. देर रात करीब 3 बजे अश्विनी उपाध्याय दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने पहुंचे. उनका कहना है कि वो पुलिस के सामने सच्चाई रखेंगे. पुलिस मामले में पहचाने गए आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापे भी डाल रही है.
इससे पहले देर रात पुलिस स्टेशन में BJP नेता अश्विनी उपाध्याय ने कहा था कि भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर 8 अगस्त को सेव इंडिया फाउंडेशन के तहत जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उन्होंने बताया कि उस वक्त 50 लोगों को बुलाया गया था, लेकिन बढ़ती भीड़ को देखकर 12:00 बजे मंच से वो चले गए और कार्यक्रम खत्म कर दिया गया.
अश्विनी के मुताबिक उन्हें नहीं पता कि नारे लगाने वाले कौन लोग हैं और उन्होंने नारे क्यों लगाए. वह आरोपियों को नहीं पहचानते और ना ही उनके सामने कोई नारे लगाए गए हैं. अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि इस पूरे मामले में वह पूरी तरह से निर्दोष हैं. अश्वनी उपाध्याय बीजेपी नेता हैं और पेशे से एडवोकेट हैं.
वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि इस देश में निर्दोष लोगों को अगर कोर्ट जाना पड़े और थाने से न्याय न मिले तो बड़ी विडंबना है. वो नारे इसलिए लग रहे हैं क्योंकि कानून घटिया है. अगर कानून कठोर होता और पिछले 20 साल में 4 लोगों को जेल भेजा गया होता तो शायद ऐसे नारे नहीं लगते. अश्विनी उपाध्याय ने आगे निशाना साधते हुए कहा कि एक व्यक्ति कहता है कि 20 मिनट में हिंदुस्तान से हिंदुओं को ख़त्म कर देंगे, वो आज जेल में नहीं बल्कि बल्कि विधानसभा में बैठा है. इसलिए लोग मोटिवेट हो रहे हैं कि ऐसी बात करने पर प्रसिद्धि मिल जाएगी और विधायक बन जाएंगे.