मुंबई, 07 नवंबर । मराठा आरक्षण को लेकर बीड जिले में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने 66 मामले दर्ज किए हैं और 160 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में करीब 2000 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर पुलिस ने आंदोलनकारियों की धरपकड़ शुरू कर दी है।
बीड़ जिले के पुलिस अधीक्षक नंद कुमार ठाकुर ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि पुलिस को इस मामले के 200 से ज्यादा वीडियो मिले हैं और आंदोलनकारियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। पुलिस की स्पेशल 8 टीम इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस घटना में किसी भी आंदोलनकारी को जाति के आधार पर गिरफ्तार नहीं किया जायेगा और हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से की जाएगी।
पिछले सप्ताह मराठा आरक्षण के लिए जालना जिले में मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने भूख हड़ताल शुरू की थी। जारांगे की भूख हड़ताल के समर्थन में मराठा आरक्षण के लिए बीड़ में आंदोलनकारियों ने दो विधायकों सहित कई नेताओं के घर फूंक दिए थे। कई सार्वजनिक संपत्तियों की तोड़-फोड़ की थी, साथ ही एसटी महामंडल की सैकड़ों गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया था। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलनकारियों के विरुद्ध हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों की धरपकड़ शुरू कर दी है।
मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल ने आज पत्रकारों को बताया कि पुलिस मराठा युवकों को अनायास परेशान कर रही है, जबकि मराठा समाज हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन करते रहा है। मनोज जारांगे पाटिल ने कहा कि हिंसक घटनाएं मराठा आंदोलन को बदनाम करने के लिए सरकार पक्ष से ही की गई, इसकी गहन छानबीन की जानी चाहिए। मंत्री छगन भुजबल ने भी हिंसा मामले की गहन छानबीन की मांग की है। छगन भुजबल ने कहा कि मराठा आंदोलन के वक्त 70 से अधिक पुलिसकर्मी गंभीर जख्मी हुए हैं और बहुत से नागरिक घायल हुए हैं, करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है।