योग गुरु बाबा रामदेव ने महिलाओं के पहनावे को लेकर विवादित बयान दिया. योग प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा कि महिलाएं साड़ियों में अच्छी लगती हैं, वह सलवार सूट में अच्छी लगती हैं, और मेरे विचार में वह बिना कुछ पहने भी अच्छी दिखती हैं.
बाबा रामदेव जिस समय यह बयान दे रहे थे उस समय मंच पर उनके साथ बालासाहेबंची शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और भारतीय जनता पार्टी के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस और अन्य प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं. बाबा रामदेव मंच पर अमृता फडणवीस की तारीफ़ में कसीदे पढ़ रहे थे. उनकी फिटनेस और मुस्कराहट की तारीफ कर रहे थे, तभी उन्होंने ये टिप्पणी की.
बाबा रामदेव पतंजलि योग पीठ और मुंबई महिला पतंजलि योग समिति द्वारा आयोजित योग विज्ञान शिविर और महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने उन महिलाओं से ये बात कही, जो इस कार्यक्रम के लिए अपने योग के कपड़े और साड़ियां लेकर आई थीं और रामदेव द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुई थीं.
दरअसल, बैठक प्रशिक्षण शिविर के तुरंत बाद शुरू हुई, इसलिए कई महिलाओं को कपड़े बदलने का समय नहीं मिला. यह देखते हुए रामदेव ने कहा कि कई महिलाओं ने कपडे नहीं बदल पाए. कोई बात नहीं. अगर उनके पास कपड़े बदलने का समय नहीं है तो कोई समस्या नहीं है और वह इसे घर जाने के बाद पहन सकती हैं. वैसे भी महिलाएं सलवार सूट, साड़ी में अच्छी लगती हैं. और अगर मेरी तरह कुछ न पहनें तब भी अच्छी लगती हैं. जब हम बच्चे थे तो कौन कपड़े पहनते थे. 10 साल की उम्र तक नंगे घूमते रहते थे.
बाबा रामदेव की इस टिप्पणी का विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर उनका बयान वायरल है. और इसकी आलोचना की जा रही है. बाबा रामदेव से माफ़ी की मांग की जा रही है. राजनीतिक दलों ने बाबा रामदेव पर निशाना साधा है.
देश से माफी मांगें रामदेव- स्वाति मालीवाल
मामले ने तूल पकड़ा तो स्वाती मालीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की पत्नी के सामने बाबा रामदेव ने जो टिप्पणी की है वह अमर्यादित और निंदनीय है. इस बयान से सभी महिलाएं आहत हुई हैं, बाबा रामदेव को इस बयान पर देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए.
अमृता फडणवीस ने विरोध क्यों नहीं किया – संजय राउत
उद्धव गुट के शिवसेना नेता संजय राउत ने पूछा कि अमृता फडणवीस ने बाबा की टिप्पणियों का विरोध क्यों नहीं किया। शनिवार को उन्होंने कहा- जब राज्यपाल शिवाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के गांवों को अपनी राज्य की सीमा में मिलाने की धमकी देते हैं, अब बीजेपी प्रचारक रामदेव महिलाओं का अपमान करते हैं, तो सरकार चुप रहती है. क्या सरकार ने अपनी जुबान दिल्ली के पास गिरवी रख रखी है?