कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटील की बहू अर्चना पाटील चाकूरकर ने शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। ऐसी भी चर्चा है कि अर्चना पाटिल चाकुरकर अमित देशमुख के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। अर्चना पाटील के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ गई है।
बताया जा रहा है कि अशोक चव्हाण ने अर्चना पाटील की पार्टी में एंट्री के लिए मध्यस्थता की थी। अर्चना पाटील चाकूरकर के बीजेपी में शामिल होने से पहले उनके पति बसवराज पाटील ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था। महाराष्ट्र में लगातार कांग्रेस के नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। इन लोगों से पहले भी कई कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है।
बीजेपी में शामिल होने के दौरान अर्चना पाटील चाकूरकर ने कहा- मैंने अपने ससुर शिवराज पाटिल से बात कर और उनका आशीर्वाद लेकर बीजेपी में शामिल हुई हूं। मैंने अब तक सामाजिक क्षेत्र में काम किया है। पहली बार में राजनीतिक क्षेत्र में काम करुंगी। राजनीति में शिवराज पाटिल का लंबा अनुभव है। बीजेपी में शामिल होना यह मेरा निजी फैसला है। मैं शिवराज पाटिल की बेटी हूं। मैने उनसे बात की है। हमारे पिता ने हमेशा हमें पूरी छूट दी है। उन्होने हमेशा हमें अपने मन का कार्य करने का मौका दिया है। एक पिता का हमेशा बेटी को आशीर्वाद होता है। हम अपना फैसला लेते हैं। शिवराज पाटिल को विश्वास में लेकर हमने फैसला लिया है। मुझे कांग्रेस पार्टी से कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि मैंने कभी भी उनके साथ काम नहीं किया है। बीजेपी जो कार्य कर रही है उस वजह से मैं आज पार्टी में शामिल हुई हूं। शिवराज पाटिल ने कांग्रेस नहीं छोड़ी है। अर्चना पाटील ने बीजेपी ज्वाइन किया है इतना ही फर्क़ है। मुझे क्या जिम्मेदारी दी जाएगी मुझे पता नहीं है। मैं कार्यकर्ता हूं जो कार्य दिया जाएगा उसका मैं पालन करूंगी।
लातूर की राजनीति में देशमुख परिवार का कई सालों तक दबदबा रहा है। मराठवाड़ा में अशोक चव्हाण परिवार और देशमुख परिवार दोनों का कांग्रेस पार्टी में काफी प्रभाव था। कुछ दिन पहले ही अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हुए थे इसलिए अब मराठवाड़ा में देशमुख परिवार के राजनीतिक प्रभुत्व को देखते हुए अर्चना पाटिल चाकुरकर की पार्टी में एंट्री अहम मानी जा रही है।