शिवसेना (Shivsena) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने जिस तरह का बयान दिया है वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक, किसी के पद का आदर करते हुए खामोश बैठना है, यह पता नहीं है। मैं राज्यपाल पद को लेकर कुछ नहीं कहना चाह रहा। लेकिन उस पद का मान, कुर्सी पर बैठने वाले इंसान को भी रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल में गवर्नर के जो बयान हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र के नसीब में ऐसे लोग क्यों आते हैं? उद्धव यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र में ही मराठी मानुष का अपमान किया है।
उद्धव यहीं नहीं रुके उन्होंने राज्यपाल कोश्यारी को लेकर विवादित टिप्पणी भी की। उन्होंंने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले 2.5 वर्षों में महाराष्ट्र में हर चीज का आनंद लिया। उन्होंने महाराष्ट्रियन व्यंजनों का आनंद लिया, अब समय आ गया है कि वह कोल्हापुरी चप्पल भी देखें। कोल्हापुरी चप्पलें विश्व भर में प्रसिद्ध हैं और उन्हें यह जरूर दिखानी चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल ने कई बार महाराष्ट्र का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री काल के दौरान जब कोरोना के मामले बढ़ रहे थे। लोगों की जान जा रही थी। तब राज्यपाल को मंदिर खोलने की जल्दबाजी थी। इसके बाद उन्होंने सावित्रीबाई फुले का भी अपमान किया। अब उन्होंने महाराष्ट्र में ही मराठी मानुष को भी अपमानित किया है।
उन्होंने कहा कि विधानपरिषद की 12 सीटों के लिए भी इन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। अगर राज्यपाल को यह नहीं करना है तो उन्हें यह बात राष्ट्रपति को बतानी चाहिए। ठाकरे ने कहा कि पूरी दुनिया, मुंबई, महाराष्ट्र, छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी मानुष के बारे में जानती है। जबकि राज्यपाल को कुछ नहीं पता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के बयान से मराठी मानुष नाराज है। 105 लोगों ने बलिदान देकर मुंबई को महाराष्ट्र में शामिल करवाया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज मराठी मानुष का मुद्दा उठाकर उन्होंने लोगों में गुस्सा पैदा किया है। राज्यपा, राष्ट्रपति के दूत हैं। उनके संदेश को लेकर यह पूरे देश में जाते हैं। लेकिन अगर यही लोग गलती करें तो इन पर कार्रवाई कौन करेगा? राज्यपाल ने मराठी मानुष और मराठी अस्मिता का अपमान किया है। इतना ही नहीं उन्होंने हिंदुओं के बीच में भी फूट डालने का काम किया है। एक-दूसरे को आपस में लड़ाने का काम कर रहे हैं। उद्धव ने कहा कि जिस महाराष्ट्र में आप 3 साल से रह रहे हैं। जिस राज्य का आपने नमक खाया है। आप उसी से नमकहरामी कर रहे हैं।
कोश्यारी के बयान पर बवाल
दरअसल, राज्यपाल ने शुक्रवार को मुंबई के अंधेरी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मारवाड़ी गुजराती समुदाय की प्रशंसा की और कहा कि वे जहां भी जाते हैं, अस्पताल, स्कूल आदि बनाकर जगह के विकास में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो महाराष्ट्र के पास कोई पैसा नहीं बचेगा और मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी नहीं कहा जाएगा।