पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने अपने से इस्तीफा दे दिया है. जब से माली ने ये पद संभाला था तभी से वे कैप्टन और गांधी परिवार पर विवादित टिप्पणियों से चर्चा में बने हुए थे.
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की एक विवादित फोटो पोस्ट करने और कश्मीर पर टिप्पणी करने के बाद से वे चौतरफा आलोचना झेल रहे थे. इससे एक तरफ कांग्रेस हाईकमान राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों खासकर भाजपा के निशाने पर आ गई. वहीं पंजाब में कांग्रेस को विपक्ष और जनता से सामने फजीहत झेलनी पड़ी.
इसके बाद पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने हाईकमान के निर्देश पर अमल करते हुए नवजोत सिद्धू से कहा था कि वे अपने सलाहकारों को तुरंत हटाएं. हरीश रावत ने कहा था कि अगर सिद्धू ऐसा नहीं करेंगे तो हाईकमान खुद सख्त फैसला लेगा.
उन्होंने कहा कि यह सलाहकार सिद्धू के निजी हैं, न कि कांग्रेस के सलाहकार हैं. कांग्रेस को ऐसे सलाहकारों की कोई जरूरत नहीं है. वह अगर ऐसे सलाहकारों को नहीं हटाते तो हाईकमान सीधे तौर पर सिद्धू के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है.
मलविंदर सिंह माली ने अपने इस्तीफे में कहा है कि मैं पूरी तरह से मानता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का ही हिस्सा है, लेकिन अनुच्छेद 370 और 35ए को लेकर मेरा मानना है कि इन्हें जिस तरह से हटाया गया, वह संविधान का उल्लंघन है. नवजोत सिंह सिद्धू के पूर्व सलाहकार ने कहा कि भारत का संविधान उन्हें अलग राय रखने का भी अधिकार देता है. मैं उन सभी याचिकाओं का समर्थन करता हूं, जिसमें केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है.
मलविंदर सिंह माली की बात करें तो उन्होंने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में होने की बात कही थी. इसके अलावा उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से जुड़ा एक विवादित कार्टून साझा किया था. साथ ही हाल ही में उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके साथियों की तुलना ‘अली बाबा और 40 चोरों’ से की थी. इन बयानों को लेकर हुए विवाद के बाद केंद्रीय आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को अपने सलाहकारों को हटाने के लिए कहा था.
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया. नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने कार्यकारी अध्यक्षों और सलाहकारों को नियुक्त किया था, जिनपर बवाल हुआ था.