गोपेश्वर, 20 मई । गुरुअरदास, शबद कीर्तन और गुरुवाणी के साथ शनिवार को सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये। हेमकुंड में अभी भी सात से आठ फीट तक बर्फ जमी हुई है।
शनिवार को सचखण्ड साहिब गर्भगृह से गुरुग्रन्थ साहिब को पंच प्यारे की अगुवाई में सेना के बैंड धुनों के बीच दरबार साहिब में लाया गय। इसके बाद सुखमणी साहब के पाठ के साथ ही सिख धर्म की आस्था के प्रमुख केन्द्र और दशम गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह महाराज के पूर्व जन्म की भक्ति के पावन पवित्र स्थान गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब और हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक लोकपाल (लक्ष्मण मंदिर) के कपाट विधि विधान के साथ आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गये।
हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह दिख रहा था। कपाट खुलने के अवसर पर यहां पहुंचे तीर्थयात्रियों के जो बोले सो निहाल…..के जयकारों से पूरा हेमकुंड क्षेत्र गूंज उठा। सिख धर्म में यह पवित्र स्थान माना गया है। सिख लोग गुरु का संकल्प लेकर घरों से जलसों के रूप में यात्रा के लिए निकलते हैं। सप्तश्रृंग के दर्शन होते ही श्रद्धालु मत्था टेककर अपने गुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
गौरतलब है कि हेमकुंड पहुंचकर सर्वप्रथम सरोवर में स्नान किया जाता है। उसके बाद गुरुद्वारा में पवित्र ग्रन्थ साहिब पर चढ़ावा चढ़ता है और गुरु की अरदास की जाती है। हेमकुंड साहिब की यात्रा मई-जून में प्रारम्भ होकर अक्टूबर तक चलती है। इस यात्रा में आने वाले सभी यात्री ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ये सभी के लिए अनिवार्य होगा।
यात्रा मार्ग पर भारी बर्फ होने के कारण इस बार यात्रा में 60 साल से अधिक आयु के श्रद्धालु और बच्चों को आने की अनुमति नहीं है। एक दिन में हेमकुंड जाने के लिए सिर्फ ढाई हजार यात्रियों को ही अनुमति जी जाएगी। जनपद पुलिस की ओर से श्री हेमकुंड साहिब आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। साथ ही हेमकुंड साहिब मार्ग के मुख्य पड़ाव भ्युंडार और घाघरिया में एसडीआरएफ तैनात की गई है।