नेपाल(Nepal) के प्रधानमंत्री केपी ओली (K.P.Sharma Oli) की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी (Bidya Devi Bhandari) ने मंजूरी देते हुए संसद भंग करने की अनुमति दे दी है. राष्ट्रपति कार्यालय से रविवार दोपहर को बयान जारी कर कहा गया कि पीएम ओली कि सिफारिश के बाद संसद भंग करने का फैसला लिया गया है. अगले चुनाव अप्रैल- मई 2021 में होंगे.
नेपाल में अब मध्यावधि चुनावों की घोषणा हो चुकी है। अप्रैल में दो चरणों में चुनाव होंगे। राष्ट्रपति के अनुसार तीस अप्रैल और दस मई को चुनाव होना तय हुआ है. राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 30 अप्रैल को पहले चरण के मतदान होंगे और दूसरे चरण का मतदान 10 मई को होगा. इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाकर संसद भंग करने का फैसला लिया था.
राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76, खंड एक तथा सात, और अनुच्छेद 85 के अनुसार संसद भंग करने का फैसला लिया गया है. नेपाल की संसद को भंग करने की राष्ट्रपति से सिफारिश के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने देश की राजधानी काठमांडू (Kathmandu) में सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए हैं। राजधानी के मुख्य चौकों में पुलिस भारी संख्या में मौजूद है।
राष्ट्रपति भंडारी ने यह कदम ऐसे में उठाया है जब नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के बीच आंतरिक मतभेद चरम पर हैं. पिछले कई दिनों से पार्टी दो खेमों में बंटी हुई है. एक खेमे की कमान ओली के हाथ में है तो दूसरे खेमे का नेतृत्व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प दहल कमल के हाथ. संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि संसद भंग करने का फैसला असंवैधानिक है. बहुमत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा संसद भंग करने का प्रावधान नहीं है.