राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी के कुछ अन्य लोगों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उनकी पार्टी शिवसेना में संभावित बगावत के बारे में आगाह किया था, लेकिन वह इसको लेकर आश्वस्त थे कि उनके विधायक ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे.
तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अविभाजित शिवसेना के विधायकों के एक गुट ने पिछले साल जून में ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसके बाद महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. बाद में बागी विधायकों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एकसाथ मिलकर शिंदे के नेतृत्व में सरकार बना ली थी.
एक अखबार के साथ इंटरव्यू के दौरान अजीत पवार से सवाल किया गया कि क्या एमवीए सरकार में शिवसेना में बगावत के बारे में कोई आभास था, इस पर पवार ने कहा कि इस तरह की आशंका के बारे में बहुत पहले ही संकेत थे और ठाकरे को इसके बारे में सूचित किया गया था.
राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा, ‘‘पवार साहेब (शरद पवार) ने खुद ठाकरे को सूचित किया था. पवार साहेब ने ठाकरे को फोन भी किया था और उन्हें इसके बारे में (शिवसेना में संभावित बगावत) बताया था. हालांकि, उद्धव जी ने कहा था कि उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा है और उन्हें विश्वास है कि वे इस तरह का कदम नहीं उठाएंगे.”
अजित पवार ने कहा कि जब 15-16 बागी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले गए थे तो बाकी बचे विधायकों को तुरंत एकजुट रखने की जरूरत थी लेकिन ऐसी कोई कोशिश नहीं की गई. जिसके चलते बाद में 55 में से 40 विधायक शिंदे कैंप में चले गए। अजित पवार ने कहा कि हम कह सकते हैं कि कुछ लोग बेफिक्र रहते हैं.
अजित पवार ने ये भी कहा कि शिवसेना में बगावत से छह महीने पहले ही एनसीपी के नेताओं में चर्चाएं शुरू हो गईं थी. पवार ने कहा कि मैंने इस बारे में उद्धव ठाकरे से बात की थी. तब उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्होंने इस बारे में सुना है. इसे लेकर वह एकनाथ शिंदे से बात करेंगे. उन्होंने कहा था कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और वह इसे सुलझा लेंगे.