असम में बाल विवाह के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है. इसे लेकर राज्य में हड़कंप भी मचा हुआ है. असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम के तहत शुक्रवार को 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों में ऐसे विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी भी शामिल हैं.
यह एक्शन राज्य के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के आदेश पर हो रहा है. इस अभियान के तहत पूरे राज्य में 4074 मामले दर्ज किए गए. वहीं 57 काजी और पुजारी समेत कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. पुलिस ने कहा कि उनके पास 8000 आरोपियों की सूची है और यह अभियान जारी रहेगा. वहीं, महिलाओं ने अलग-अलग जिलों में गिरफ्तारियों का यह कहते हुए विरोध भी किया कि उनके सामने आजीविका की समस्या होगी.
असम पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा के निर्देश पर बाल विवाह करने वाले पतियों के खिलाफ राज्यभर में अभियान चलाया गया. इन अभियानों में 2044 लोग गिरफ्तार किए गए, जबकि 4074 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. बाल विवाह के खिलाफ अभियान अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा. शुक्रवार शाम तक, विश्वनाथ जिले में सबसे अधिक 137 गिरफ्तारियां की गई हैं, इसके बाद धुबरी में 126, बक्सा में 120, बारपेटा में 114 और कोकराझार में 96 गिरफ्तारियां हुई हैं.
उन्होंने कहा कि इस पर हमने सीआईडी से भी संपर्क किया और इस तरह की होने वाली घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने और दोषियों को दंडित करने की रणनीति बनाई गई, जिसके तहत राज्यभर में हमने पिछले दो दिनों में बाल विवाह के खिलाफ 4074 मामले दर्ज किए. दर्ज मामलों के आधार पर हमने गिरफ्तारी शुरू कर दी, जिसके तहत अबतक 2044 लोगों को गिरफ्तार किया गया. फिलहाल आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी और इन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.
इस मामले में असम पुलिस निदेशक जीपी सिंह ने कहा कि 12-13 वर्ष की लड़कियां भी इस आंकड़े में शामिल हैं, जो समय से पहले गर्भवती होकर चिकित्सकीय परेशानी उत्पन्न करती हैं. डीजीपी ने बताया कि इस अभियान के शुरू होने के बाद कई लोग अपना घर छोड़कर फरार हो गए हैं, जिसके तहत इनकी गिरफ्तारी के लिए कुछ समय और लगेगा. इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है.
एक रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार सख्त हुई
हाल ही में बाल विवाह को लेकर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट सामने आई थी. इसमें पता चला कि असम में मातृ-शिशु मृत्युदर सबसे अधिक है. इसकी बड़ी वजह बाल विवाह को बताया गया. रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह के सबसे ज्यादा 370 मामले असम के धुबरी जिले में दर्ज हुए. वहीं, होजई में 255 और उदलगुरी में 235 केस, मोरीगांव में 224 और कोकराझार में 204 केस दर्ज किए गए हैं. दीमा हसाओ में 24, कछार में 35 और हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया.
ये रिपोर्ट सामने आने के बाद जनवरी 2023 में सरकार ने कैबिनेट की बैठक में बाल विवाह के मामलों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फैसला किया था. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि अगर कोई बाल विवाह कार्यक्रम में शामिल होता है तो उसकी भी गिरफ्तारी होगी. CM ने 2 फरवरी की सुबह ट्वीट कर बताया था कि राज्य में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए गए हैं. जल्द ही इन पर कार्रवाई होगी. वहीं, अगर बाल विवाह करने के बाद लड़की मां बन जाती है तो उसके पति पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज होगा.