श्रम कानूनों में बदलाव और केंद्र के निजीकरण के फैसले के विरोध में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल (भारत बंद) आज से शुरू हो गई है. इस दौरान बैंकों और कई औद्योगिक क्षेत्रों में इसका खासा असर देखने को मिला. बता दें कि सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल और केरल में देखने को मिल रहा है.
बंगाल में रेल की पटरियां जाम
बंगाल में वाममोर्चा, कांग्रेस से संबंधित श्रमिक संघों समेत कई संघों ने केंद्र की आर्थिक नीतियों के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है. हालांकि इनमें भारतीय जनता पार्टी और टीएमसी से संबंधित श्रमिक संघ शामिल नहीं है. पश्चिम बंगाल में 2 दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर वाम मोर्चे के सदस्य कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में इकट्ठा हुए. इन सबने रेलवे ट्रैक को ब्लॉक किया.
केरल में सड़कें वीरान
ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर केरल की सड़कों तक देखने को मिला है. यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने राज्य में बंद को सफल कराने के लिए दुकानें तक बंद करा दी और राज्य की सड़कें भी वीरान दिखाई दे रहीं हैं. एक शख्स ने बताया कि हड़ताल और बंद के आह्वान से मुझे अपने ऑफिस जाने में दिक्कत हो रही है.
ओडिशा में भी दिखा असर
ट्रेड यूनियनों द्वारा सरकारी नीतियों के विरोध का असर आज ओडिसा में भी देखने को मिला. ओडिशा में यूनियनों के कर्मियों ने आज सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की और कल भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया.
हरियाणा में दिखने लगा असर
हरियाणा की बात करें तो यहां हड़ताल के चलते 3000 बसों की रफ्तार थम गई हैं. हरियाणा में कई मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी लंबे वक्त से संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना और निजीकरण के खिलाफ बंद आज का बंद बुलाया गया है. हरियाणा में कर्मचारियों ने बंद का पूरा समर्थन किया है.
बता दें कि यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में रोडवेज, बैंक कर्मी और बिजली कर्मी आदि कई लोग हैं. गौरतलब है कि बैंक यूनियन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में इस बंद में शामिल हो रहे हैं.