सोमवार को टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ट्विटर इंडिया के दफ्तरों पर छापे मारे हैं। ये छापेमारी दिल्ली के लाडो सराय और गुरुग्राम में स्थित दफ्तरों में चल रही है।
दिल्ली और गुरुग्राम के दफ्तरों पर छापेमारी से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आज ही ट्विटर इंडिया को मैन्युपुलेटेड मीडिया को लेकर नोटिस भेजा था। नोटिस में ट्विटर से संबित के ट्वीट को मैन्युपुलेटेड मीडिया बताने के पीछे की वजह पूछी गई थी। दिल्ली पुलिस के अनुसार यह कार्रवाई आवश्यक थी क्योंकि यह पता लगाना था कि नोटिस देने के लिए सही व्यक्ति कौन है क्योंकि ट्विटर इंडिया के एमडी के जवाब बहुत अस्पष्ट थे।
स्पेशल सेल ने जारी किया था नोटिस
संबित पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताने के मामले में सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर इंडिया को नोटिस जारी कर सबूत पेश करने को कहा था. जिस पर ट्विटर ने कहा कि वह जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है. ट्विटर से जवाब मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ट्विटर इंडिया के लाडो सराय और गुरुग्राम ऑफिस पर रेड करने पहुंची. लाडो सराय में टीम करीब एक घंटे तक रुकी. स्पेशल सेल ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जब ऑफिस का दरवाजा नहीं खोला गया तो टीम को वापस लौटना पड़ा.
18 मई को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) और बीजेपी के महासचिव बीएल संतोष ने चार-चार पेज के अलग-अलग दो डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट ट्वीट किए. इनमें से एक डॉक्यूमेंट कोविड-19 को और दूसरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से संबंधित था. इन ट्वीट्स में दावा किया गया कि ये कांग्रेस का टूलकिट है और कांग्रेस ने देश में कोरोना महामारी को लेकर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए ये टूलकिट तैयार किया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस टूलकिट के जरिए कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को कहा है कि मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए उन्हें धर्म विशेष को टारगेट करते हुए ‘सुपर स्प्रेडर कुंभ’ और वायरस के म्यूटेन्ट स्ट्रेन के लिए ‘मोदी स्ट्रेन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर करना है. लेकिन ईद को ‘हैप्पी सोशल गैदरिंग’ की तरह पेश करना है.
संबित पात्रा के ट्वीट को बाद में ट्विटर ने ‘Manipulated Media’ बताते हुए इसका टैग लगा दिया था। ट्विटर के इस कदम पर केंद्र सरकार ने भी नाराजगी जताई थी. सरकार ने हाल ही में ट्विटर से कहा था कि वह इस टैग को हटाए क्योंकि मामला कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष लंबित है। सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सोशल मीडिया मंच फैसला नहीं दे सकता वह भी तब जब मामले की जांच जारी हो। सरकार ने ट्विटर से जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा था।