मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव के बाद सोमवार को चक्रवात बने ‘यास’ के अगले 24 घंटे में बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बनने का ऐलान कर दिया है। यास बुधवार को बंगाल और ओडिशा तट पर पहुंचेगा। इस बीच ओडिशा , पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है.
इस तूफान का असर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के कुछ इलाकों में पड़ने वाला है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में समंदर किनारे तूफान का सबसे ज्यादा असर रहेगा तो झारखंड में बेहद तेज बारिश की आशंका है. इन 3 राज्यों के अलावा आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार में तूफान के कहर बरपाने की आशंका है.
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, चक्रवाती तूफान यास के बहुत तीव्र चक्रवाती तूफान की तरह 26 मई की दोपहर उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों को बालासोर के आसपास पारादीप और सागर द्वीप के बीच पार करने की बहुत संभावना है।
NDRF की टीमें तैनात
यास तूफान (Cyclone Yaas) की आशंका को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के जवानों की तैनाती कर दी गई है और 5 राज्यों में 99 टीमें लगाई गई हैं. पश्चिम बंगाल में NDRF की 35 टीमें तैनात हैं. ओडिशा में 32 टीमों को तैनात किया गया है, जबकि 20 टीमें ओडिशा में और तैनात की जाएंगी. राहत में किसी तरह की कोई कमी ना रह, इसकी पूरी कमान NDRF के डीजी एसएस प्रधान ने खुद अपने हाथ में ले ली है.
चक्रवात यास के मद्देनज़र ओडिशा में तेज़ हवाएं और बारिश हो रही है। राजधानी भुवनेश्वर में भी बारिश हो रही है। बालासोर ज़िले के चांदीपुर में ज़िला प्रशासन मरीन पुलिस के साथ मिलकर मछुआरों के गांवों को खाली करा रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज रहा है। यहां के बीडीओ ने बताया, हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे। वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है। वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है। लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं।
गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रभावित होने वाले राज्यों को विश्वास दिलाया कि गृहमंत्रालय 24 घंटे उनकी सहायता के लिए मौजूद है। शाह ने बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों व अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल से तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया।
गृहमंत्री ने बैठक के दौरान, राज्यों को बताया कि गृहमंत्रालय में तूफान पर निगरानी के लिए बना नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम करता रहेगा। किसी भी क्षण इससे संपर्क कर मदद ली जा सकती है। उन्होंने जरूरी वस्तुओं, दवाइयों के स्टॉक व अस्पतालों को सुरक्षित रखने पर जोर दिया। राज्यों को कोविड अस्पतालों, जांच लैब, टीका भंडारों और ऑक्सीजन संयंत्रों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था करने को कहा है। बंगाल और ओडिशा देश के बड़े मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता राज्य हैं। सभी राज्यों से अपने यहां कम से कम दो दिन के लिए ऑक्सीजन का बफर स्टॉक रखने को कहा गया है।