महाराष्ट्र (Maharashtra) में 100 करोड़ रुपये वसूली कांड (Money Laundering Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 4.20 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त कर ली है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PMLA के तहत अनिल देशमुख, उनकी पत्नी आरती देशमुख और कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड की 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैट की है.
अटैच की गई संपत्ति में एक वर्ली, मुंबई में एक रेजिडेंशियल फ्लैट है, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये है. इसके अलावा Premier Port links PVT LTD के नाम पर महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में 2.67 करोड़ रुपये की कीमत के 25 जमीन के टुकड़े हैं.
बता दें कि 72 वर्षीय देशमुख पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कम से कम तीन समन में शामिल नहीं हुए हैं। इससे पहले उनके बेटे हृषिकेश और पत्नी को भी संघीय जांच एजेंसी ने तलब किया था लेकिन उन्होंने भी गवाही देने से इनकार कर दिया।
इससे पहले अनिल देशमुख के वकील ने बुधवार को कहा था कि उनके मुवक्किल को लगता है कि कथित धनशोधन मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच उचित नहीं है और इसलिए वह तफ्तीश में शामिल नहीं हो रहे । देशमुख के वकील कमलेश घुमरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि ईडी की जांच वास्तविक जांच के बजाय ‘उत्पीड़न’ की तरह ज्यादा दिखती है।
ईडी ने IPC की धारा 120-B, 1860 और PM अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत सीबीआई, नई दिल्ली द्वारा अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ अनुचित और गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने के मामले में दर्ज FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. मुंबई में तमाम बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में देशमुख की मुश्किलें पहले से बढ़ी हुई हैं.
PMLA के तहत जांच से पता चला कि अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र राज्य के गृह मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, गलत तरीके से मुंबई पुलिस के तत्कालीन सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वझे के माध्यम से तमाम ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपये नकद रिश्वत के तौर पर लिए थे.