लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में तीन अक्तूबर को हुए बवाल में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष को सीजेएम कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है. लखीमपुर हिंसा मामले में एसआईटी ने आशीष को 14 दिनों की पुलिस रिमांड में लेने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने पुलिस को आशीष मिश्रा की तीन दिन की ही रिमांड दी.
सोमवार की सुबह वीडियो कांफ्रेंसिंग से आशीष की पेशी के बाद सुनवाई शुरू हुई. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आशीष को रिमांड पर देने का फैसला सुनाया. एसआईटी ने आशीष की 14 दिन की रिमांड मांगी थी. तीन दिन की रिमांड 12 अक्टूबर से शुरू होगी.
अदालत ने रिमांड मंजूर करते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं. वकील के अनुसार पूछताछ के दौरान आशीष का वकील भी मौजूद रहेगा. मेडिकल के बाद आशीष को कस्टडी में लिया जाएगा. जेल में दाखिला के दौरान भी मेडिकल होगा. इसके अलावा दूर से ही एसआईटी पूछताछ करेगी.
इससे पहले रिमांड का विरोध करते हुए आशीष के वकील ने कहा कि शानिवार को 12 घंटे में 40 से ज्यादा सवालों के जवाब वह दे चुके हैं. ऐसे में अब रिमांड की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि एसआईटी थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर आशीष से जुर्म कबूल करवाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि आपने 11:00 बुलाया और अभियुक्त वहां 10:45 बजे उपस्थित हो गया था, अधिकारी 40 सवालों के बारे में पूरे 12 घंटे पूछताछ करते रहे, जो प्रश्न था उसका सिलसिलेवार ढंग से उत्तर दिया गया है. पेन ड्राइव दिए, डेढ़ सौ फोटो दिए. 2:00 बजे से 2:30 बजे तक 3:00 बजे तक 4:00 बजे तक सारे फुटेज और सारे वीडियो दिए गए. अभियुक्त आशीष मिश्रा मोनू दंगल के कार्यक्रम में मौजूद था.
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर में हुई घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी का मानना है कि जिस थार जीप से किसानों को कुचला गया था वह आशीष मिश्रा ही चला रहे थे. मामले ने राजनीतिक रंग भी लिया। आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए समन भेजकर बुलाया गया और शनिवार की देर रात गिरफ्तार किया गया था. एसआईटी में शामिल डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने पूछताछ के बाद बताया था कि वे (आशीष मिश्रा) सहयोग नहीं कर रहे. अब एसआईटी आशीष को रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है. एसआईटी ने आशीष मिश्रा का मोबाइल कब्जे में ले लिया है. इस मोबाइल की भी जांच कराई जा रही है.