बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) के ऊपर निम्न दवाब का क्षेत्र बनने की वजह से 21 और 22 मार्च को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में च्रकवाती तूफान आ सकता है। साल 2022 के इस पहले चक्रवाती तूफान का नाम असनी है. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान असनी दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर में बन रहा है जो उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की तरफ आएगा.
चक्रवात (Cyclonic Storm) से संबंधित मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सरकार अलर्ट मोड में है. गृह मंत्रालय ने हाई लेवल मीटिंग की है. इसके बाद बंगाल की खाड़ी में पर्यटन, मछली पकड़ने और जहाजों को ले जाने पर रोक लगा दी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल से पहले ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने मछुआरों को 23 मार्च तक सागर में जाने से मना कर दिया था. गृह मंत्रालय ने कहा है कि मौसम विभाग के अलर्ट के बाद केंद्रीय गृह सचिव ने संबंधित एजेंसियों के साथ अंडमान एवं निकोबार (Andaman & Nicobar) की स्थिति की समीक्षा की.
चक्रवाती तूफान से होने वाले नुकसान को कम से कम करने पर इस बैठक में विचार-विमर्श हुआ. मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में एक चक्रवाती तूफान बन रहा है, जो अंडमान एवं निकोबार में तबाही मचा सकता है. बताया गया है कि बंगाल की खाड़ी में जो चक्रवात बन रहा है, वह 21 मार्च को प्रचंड रूप धारण कर लेगा.
इसी के साथ मौसम विभाग ने यह भी सलाह दी है कि शनिवार से मंगलवार के बीच अंडमान सागर से लेकर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के आसपास न जाएं. इस दिन हवा की रफ्तार 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है, जो अगले दिन 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. हालांकि मौसम विभाग ने यह नहीं बताया कि अगर चक्रवाती स्थितियां तूफान में बदल जाती हैं तो कितना खतरनाक हो सकती हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की चेतावनी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने समुद्र में किसी भी गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. मछली पकड़ने वालों को सागर में नहीं जाने की सलाह दी गयी है. पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों के साथ-साथ शिपिंग पर भी रोक लगा दी गयी है. जो मछुआरे समुद्र में हैं, उनसे कहा गया है कि जल्द से जल्द तट पर लौट आयें.
भारतीय वायु सेना, नौसेना, एयर फोर्स और इंडियन कोस्ट गार्ड को अलर्ट मोड में रहने के लिए कहा गया है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि संबंधित मंत्रालयों से भी कहा गया है कि वे हरसंभव मदद के लिए तैयार रहें. केंद्रीय गृह सचिव ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राहत एवं बचाव एजेंसियों को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के प्रशासन के संपर्क में रहने को कहा गया है.