प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने किसानों की मदद के लक्ष्य को लेकर शनिवार को 100 किसान ड्रोन्स (Kisan Drones) को हरी झंडी दिखाई. यह एक ऐसी योजना है, जो खेती-किसानी में एक नई क्रांति ला देगी. कीटनाशकों के छिड़काव से लेकर दूसरी अन्य सुविधाएं इससे मिलेंगी। किसानों की मदद करने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन ड्रोनों का उद्घाटन किया.
इस मौके पर पीएम ने कहा कि पहले ड्रोन के नाम से लगता था कि यह सेना से जुड़ी कोई व्यवस्था है या दुश्मनों से मुकाबला करने के उपयोग में काम आने वाली चीजें हैं लेकिन अब यह 21वीं सदी की आधुनिक कृषि व्यवस्था की दिशा में एक नया अध्याय है. पीएम ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि यह शुरुआत न केवल ड्रोन सेक्टर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी बल्कि इसमें संभावनाओं का अनंत आसमान भी खुलेगा.’
इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर नीतियां सही हैं, तो देश कितनी ऊंची उड़ान भर सकता है, आज का दिवस इसका बड़ा उदाहरण है. मोदी ने कहा कि देश के लिए यह समय आजादी के अमृतकाल का समय है. ड्रोन को लेकर भारत ने आशंकाओं पर समय नहीं गंवाया. ड्रोन का विविध उपयोग किया जा रहा है. ड्रोन के जरिये दवाओं की आपूर्ति हो रही है. मछली पालन से जुड़े लोग ताजा मछली बाजारों में भेज सकते हैं.
पीएम ने नए रोजगार के अवसर खुलने पर युवाओं को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि गरुड़ एयरोस्पेस ने अगले 2 वर्षों में 1 लाख मेड इन इंडिया ड्रोन बनाने का लक्ष्य रखा है, इससे अनेक युवाओं को नए रोजगार और नए अवसर मिलेंगे, मैं इसके लिए बधाई देता हूं.’
साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि देश मे 200 से ज्यादा ड्रोन स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं और बहुत जल्द इनकी संख्या हजारों मे पहुंच जाएगी, इससे रोजगार के लाखों नए अवसर खुलेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे भारत का बढ़ता सामर्थ्य पूरी दुनिया को ड्रोन के क्षेत्र में नया नेतृत्व देगा.
इस दौरान पीएम ने दवाओं की सप्लाई से लेकर कृषि से जुड़े कामों तक ड्रोन की खासियत गिनाईं. उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए दवा सप्लाई हो रही है, मुश्किल इलाकों मे वैक्सीन पहुंच रही है. उन्होंने कहा, ‘किसान ड्रोन इस दिशा मे न्यू एज रिवोल्यूशन की शुरूआत करें, आने वाले समय में हाई कैपेसिटी ड्रोन की मदद से किसान अपने खेतों से ताजी सब्जियां फल फूल बाजार मे भेज सकते हैं.’
यह होगा फायदा
ड्रोन नियम 2021 बनने के बाद अब इसका इस्तेमाल कृषि के कई क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे फसल के दबाव की निगरानी, पौधों की वृद्धि, पैदावार की भविष्यवाणी, खरपतवार नाशक, उर्वरक तथा पानी जैसी सामग्रियों का वितरण करना.
किसी भी वनस्पति या फसल के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है, खरपतवार, संक्रमण तथा कीटों से प्रभावित क्षेत्र और इस आकलन के आधार पर, इन संक्रमणों से लड़ने के लिए आवश्यक रसायनों का सटीक मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे किसान की कुल लागतमें काफी कमी की जा सकती है.
कई स्टार्ट-अप्स द्वारा ड्रोन प्लांटिंग सिस्टम भी विकसित किए गए हैं, जो ड्रोन को पॉड्स, उनके बीजों को शूट करने तथा मिट्टी में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को स्प्रे करने की सुविधा देते हैं. इस प्रकार, यह तकनीक लागत को कम करने के अलावा फसल प्रबंधन की निरंतरता और दक्षता को बढ़ाती है.