देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में चक्रवात यास का खतरा मंडराने लगा है। बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफान यास ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तबाही मचा सकता है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बन गया है। इस चक्रवात से 26 मई को उत्तरी ओडिशा और सुंदरवन (पश्चिम बंगाल में) के बीच एक लैंडफॉल बनाने की उम्मीद है।
पीएम मोदी करेंगे बैठक
चक्रवाती तूफान ‘यास’ के मद्देनजर केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अधिकारियों के साथ एक बैठक करेंगे। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह के अलावा अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। इस बैठक में पीएम मोदी चक्रवाती तूफान ‘यास’ के खिलाफ की जा रही तैयारियों का जायजा लेंगे। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ एनडीएमए (NDMA) के प्रतिनिधि, टेलीकॉम के सेक्रेटरीज, पावर, सिविल एविएशन और अर्थ साइंस के मंत्री भी शामिल होंगे.
मौसम विभाग के मुताबिक 26 मई की शाम ये चक्रवात पश्चिम बंगाल,ओडिशा और पड़ोसी देश के तटों की ओर बढ़ने की संभावना है। पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों पर 26 मई की सुबह से हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है। शाम तक यह और तेजी से बढ़ सकता है।
मौसम विभाग ने कहा कि यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा और आगे गंभीर रूप लेगा और 26 मई की सुबह तक पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।
तूफान के खतरे से निपटने के लिए भेजी गईं टीमें
ओडिशा सरकार ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए 66 ODRAF, 22 NDRF और 177 फायर सर्विस टीम तैयार किए हैं. बिजली और पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी व्यवस्था की गई है. वहीं कोविड -19 महामारी के बीच चक्रवाती तूफान यास की खबर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को अधिकारियों को सावधान रहने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चक्रवात शेल्टरों में लग रहे भीड़ के कारण वायरस का संक्रमण न फैले.
मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए भारतीय सेना ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में इंजीनियर और टास्क फोर्स की तैनाती की है। वहीं नौसेना तूफान के संभावित खतरे से निपटने के लिए बाढ़ राहत एवं बचाव की 8 टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भेजा है। इसके अलावा इंडियन नेवी ने गोताखोरों की 4 टीमों को भी इन राज्यों में भेजा है।