हाल ही में योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने कोरोनावायरस के लिए कोरोनिल (Coronil) दवा लॉन्च की थी. उनका दावा था कि ये दवा पूरी तरह प्रमाणित है और साक्ष्यों पर भी आधारित है. रामदेव ने 158 देशों के लिए कोरोनिल को लॉन्च किया था और कहा था कि हेल्थ के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और ऐसे में कोरोनिल इसमें अहम योगदान देगी.
लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने बाबा रामदेव की कोरोना दवा कोरोनिल (Coronil) की बिक्री पर रोक लगा दी है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने बाबा रामदेव के पतंजलि की ओर से लॉन्च किए गए कोरोना की दवा कोरोनिल के संबंध में कहा कि WHO और IMA जैसे स्वास्थ्य संगठनों से उचित प्रमाणीकरण के बिना कोरोनिल की बिक्री को महाराष्ट्र में अनुमति नहीं मिलेगी।
अनिल देशमुख इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा, “पतंजलि की कोरोनिल दवा की बिक्री को महाराष्ट्र में WHO, IMA और अन्य संबंधित सक्षम स्वास्थ्य संस्थानों से उचित प्रमाणीकरण के बिना अनुमति नहीं दी जाएगी।”
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, “कोरोनिल के तथाकथित परीक्षण पर IMA ने सवाल उठाए हैं और WHO ने कोविद के उपचार के लिए पतंजलि आयुर्वेद को किसी भी प्रकार कि स्वीकृति देने से इंकार किया है। ऐसे में जल्दीबाज़ी में किसी भी दवा को उपलब्ध करवाना और दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों द्वारा इसकी सराहना करना उचित नहीं है।”
हरिद्वार पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से कहा गया था कि कोरोनिल को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) प्रमाणन योजना के तहत आयुष मंत्रालय से प्रमाण पत्र मिला है. कंपनी ने दावा किया था कि यह कोविड-19 का मुकाबला करने वाली पहली साक्ष्य-आधारित दवा है. पतंजलि ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में यहां आयोजित एक कार्यक्रम में इस दवा की पेशकश की थी.
IMA ने केंद्रीय मंत्री के इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कोरोनिल के लॉन्चिंग प्रोग्राम में नजर आने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी विवादों में घिर गए हैं। इससे पहले भी बाबा रामदेव कोरोनिल को लॉन्च कर चुके हैं। लेकिन तब भी इस दवा को लेकर काफी विवाद हुआ था। अब बाबा रामदेव की यह दवा एक बार फिर से विवादों में है।