महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक के बेलगावी के हीरेबागवाड़ी में मंगलवार सुबह महाराष्ट्र के रजिस्ट्रेशन नंबर वाले ट्रक पर हमला हुआ था जिसके बाद हालात बिगड़ते दिख रहे हैं।
महाराष्ट्र के डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर नाराजगी जताई है। विवाद बढ़ते देख महाराष्ट्र ने कर्नाटक के लिए अपनी बस सेवाओं को फिलहाल रोक दिया है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार को दूसरे राजनीतिक दलों का भी साथ मिल रहा है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस मामले में कड़े तेवर दिखाए हैं। पवार ने कहा कि कर्नाटक में महाराष्ट्र की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कर्नाटक सरकार को अल्टिमेटम देते हुए कहा है कि अगर अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र की गाड़ियों पर हमले नहीं रुके तो आगे जो होगा उसकी जिम्मेदारी कर्नाटक सरकार की होगी।
शरद पवार ने कहा कि ‘यह कई सालों का विषय है। इसलिए जब भी कभी सीमा विवाद मामले पर वहां कुछ भी घटता है, तो मुझे कॉल आती है। महाराष्ट्र एकीकरण समिति के लोग मुझे कई मेसेज कर रहे हैं। पवार ने आगे कहा कि डेप्युटी सीएम ने वहां के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की लेकिन इससे कुछ होनेवाला नहीं है, सीमा पर आने-जाने वाले वाहनों को लेकर एक बड़ी परेशानी बनती दिख रही है, जिस तरह से वहां हमला किया गया और घटना घटी, यह बेहद गंभीर है।’
शरद पवार ने कहा, ’24 घंटे हम देखेंगे कि कर्नाटक की भूमिका क्या है? परिस्थिति बिगड़ी तो जिम्मेदारी कर्नाटक सरकार की होगी।’ शरद पवार ने कहा कि ‘यह सीमा विवाद अगर नहीं सुलझा तो देश की एकता के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। पवार ने कहा है कि जिस तरह से घटना हो रही है, उसे देखकर यही कहूंगा कि महाराष्ट्र के लोगों का संयम न देखें।’
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘बेलगावी और आसपास के जो भी गांव है, एक प्रकार से वहां दहशत निर्माण की जा रही है, वहां के नागरिक चाहते हैं कि उनकी व्यवस्था की जाए, लेकिन जिस तरह से स्थिति बन रही है, तो हम जैसे लोगों को आगे आना होगा।’
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सभी सांसदों से अपील की है कि वे एकजुट होकर संसद के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को उठाएं। उन्होंने एकनाथ शिंदे सरकार को भी सलाह दी कि वह कोई भी फैसला लेने से पहले सभी दलों को भरोसे में लें।
महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच क्यों है विवाद?
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है, और समय-समय पर इसे लेकर उग्र प्रदर्शन होते रहे हैं। दरअसल, बेलगाम या बेलगावी वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा है, लेकिन महाराष्ट्र इस जिले के कई गावों को लेकर अपना दावा करता रहा है। कर्नाटक में आने वाले इन गांवों की आबादी मराठी भाषी है और महाराष्ट्र लंबे समय से इन गांवों को राज्य में शामिल किए जाने की मांग करता रहा है। 1960 में महाराष्ट्र की स्थापना के बाद से यह विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।