नालासोपारा:- वसई विरार आयुक्त ने रात 8 बजे के अंदर ही गणेश प्रतिमा विसर्जन का हिटलर शाही फरमान जारी किया है. पांचवे दिन का विसर्जन बुधवार को होना था, लेकिन आचोले तालाब पर मूर्तियों कि लंबी कतार के बावजूद विसर्जन के लिए निर्धारित तालाब पर नियुक्त कर्मचारी रात 8:30 बजे तक तालाब व उसके आसपास के सभी लाईट बन्द कर वापस चले गए. यह हालात देखकर विसर्जन के लिए आए भक्तों के समक्ष एक गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गई. जिसका विरोध करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना वसई विरार पदाधिकारी राज नागरे ने अधिकारियों से चर्चा कर सभी कर्मचारियों को पुनः तालाब पर बुलाया और विसर्जन के लिए आए प्रतिमा का विसर्जन कराया.
इस बाबत नागरे ने मनपा अधिकारियों को बताया कि वसई विरार के लोग मुंबई व अन्य उपनगरों में काम के लिए जाते हैं, लोकल ट्रेनें बंद हैं. ड्यूटी के दौरान अपना काम खत्म करने के बाद, वह शाम को 6 बजे के बाद लोग घर वापस आते है. और जल्दीबाजी में गणपति बप्पा की पूजा करने के बाद विसर्जन के लिए निकलते हैं. तालाब में लाइट बन्द कर दिए जाने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में यदि कोई दुर्घटना हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. उन्होंने मनपा अधिकारियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि त्योहारों के साथ मनमानी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे. आयुक्त गणेश भक्तों कि भावना के साथ खिलवाड़ न करें. एकबार प्रतिमा घर से विसर्जन के लिए निकालने के बाद लोगों के पास वापसी का कोई रास्ता नहीं रहता.