मुंबई। मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक आशीष शेलार ने पत्र लिखा है । कोरोना के कारण 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों के प्रवेश प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों के साथ विद्यार्थियों को गुमराह किए जाने की बात उन्होंने पत्र में कही है । भाजपा विधायक शेलार ने छात्रों और अभिभावकों का उत्पीड़न रोकने का आग्रह किया है। शेलार ने कहा कि जून के बाद से प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
इस साल परीक्षा परिणाम आने के 15 दिनों की देरी से प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई थी। यदि प्रक्रिया हर साल की तरह दूसरे या तीसरे दिन शुरू होती, तो यह प्रक्रिया उस समय तक पूरी हो जाती और तब तक मराठा समाज के छात्रों को आरक्षण के अनुसार भर्ती कर लिया जा सकता था।
भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री को मुद्दे की जानकारी देने के साथ उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के प्रवेश प्रक्रिया की निगरानी के लिए प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की एक समिति गठित की जाती है। इस समिति को बिना किसी सरकारी आदेश के खारिज कर दिया गया है। इस वर्ष पूरी प्रक्रिया को केवल सरकारी अधिकारियों द्वारा ही संभाला जा रहा है। जबकि शिक्षकों और प्राचार्यों की एक समिति बनाई जानी चाहिए।
कई मुद्दों पर छात्रों के बीच अभी भी भ्रम है। हर साल प्रवेश शुल्क का एक हिस्सा मार्गदर्शन केंद्रों और स्कूलों को प्रसंस्करण शुल्क के रूप में दिया जाता है। लेकिन इस साल सरकार ने छात्रों से यह राशि ली है लेकिन स्कूलों का वर्गीकरण नहीं किया गया है।