राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं। सांबा में पीएम मोदी ने मंच में पहुंचकर हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर लोगों का अभिवादन किया। यहां पीएम ने 20,000 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। पीएम ने कहा कि इन प्रयासों से बहुत बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोजगार मिलेगा। मोदी सरकार में लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर की जड़ों तक पहुंचा है।
इस दौरान उन्होंने सांबा ग्राम सभा की जमकर तारीफ भी की। मैं लाल किले से सबका प्रयास बोलता हूं। पल्ली के नागरिकों ने यह करके दिखाया है, ये देश के लिए मिसाल है।आजादी का अमृत काल यानी आने वाले 25 साल में जम्मू-कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा।
यहां के पंच और सरपंच बता रहे थे कि यहां कार्यक्रम तय हुआ तो सरकार के लोग और कॉन्ट्रेक्टर्स आते थे, यहां कोई ढाबा नहीं है। यहां लंगर नहीं चलता है। ये लोग आ रहे हैं तो उनके खाने का क्या करें। सबने मुझे बताया कि हर घर से कोई 20 रोटी लाता और कोई 30 रोटी। 10 दिन से गांववालों ने सभी को खाना खिलाया है।
मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, न ये जगह मेरे लिए नई है और न मैं आपके लिए नया हूं। मेरे लिए खुशी की बात है कि आज यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का लोकार्पण हुआ है।
आजादी का अमृत काल भारत का स्वर्णिम काल होने वाला है, इसमें ग्राम पंचायत की भूमिका अहम है। पंचायतों की इसी भूमिका को समझते हुए हमने अमृत सरोवर अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत हमें अगले वर्ष 15 अगस्त तक हर जिले में 75 अमृत सरोवर तैयार करने है। साथ ही ग्राम पंचायतों में जो नीम, बरगद, पीपल के पौधे हैं, उन्हें शहीदों का नाम दें। वहीं ग्राम पंचायत में किसी अमृत सरोवर का शिलान्यास करना हो तो उसे शहीद के परिवार के हाथों से करवाएं।
बता दें कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पीएम का यह पहला दौरा है। पीएम सांबा जिले की पल्ली पंचायत से कुछ ही देर में देश की ग्राम सभाओं को ऑनलाइन संबोधित किया, यह कार्यक्रम 3 घंटे तक चलेगा।जम्मू-कश्मीर की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अमृत सरोवर नामक एक नई पहल भी शुरू की। पीएम ने ट्वीट कर कहा था, ‘मैं अमृत सरोवर पहल का उद्घाटन करने के लिए उत्सुक हूं, जो हमारे जल निकायों को फिर से जीवित करने और पानी की हर बूंद को संरक्षित करने का सामूहिक प्रयास है। इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिलों में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है।’