प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जो चर्चा चल रही है, उस चर्चा में शामिल होकर मैं आदरणीय राष्ट्रपति जी का धन्यवाद करता हूं. उनका अभिनंदन करता हूं. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने मोदी-अडानी भाई भाई के नारे भी लगाए. विपक्ष नेता लगातार नारेबाजी कर रहे थे. विपक्ष की तरफ से लगातार नारेबाजी पर पीएम मोदी ने पलटवार किया.
इस पर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल था… जो भी जिसके पास, उसने दिया उछाल… जितना कीचड़ उछालोगो कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा. इस दौरान पीएम के चेहरे पर एक व्यंग्यपूर्ण मुस्कान भी नजर आई.
पीएम ने कहा कि “कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं आपका भी आभार व्यक्त करता हूं”. उन्होंने कहा कि दूर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न सिर्फ सदन को बल्कि देश को निराश करने वाली है. उन्होंने विपक्ष के हंगामे के बीच भी आखिर तक अपना भाषण जारी रखा और विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि “कल खरगे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं. मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं. सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुले हैं. इसे देखकर उनकी (मल्लिकार्जुन खरगे) पीड़ा मैं समझ सकता हूं. आप दलित की बात करते हैं यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली. अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं.”
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “कोई भी जब सरकार में आता है वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है. विकास की गति क्या है, विकास की नीव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह बहुत माएने रखता है. हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक थे इसलिए हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया. इसमें हमें नए इंफ्रास्ट्रक्चर और धन खर्च करना पड़ा. 18,000 से ज़्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी. समयसीमा के साथ हमने 18,000 गांव में बिजली पहुंचाई. उन गांव के लोगों का सरकार में विश्वास बढ़ा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों में कुछ घंटे बिजली आती थी. गांव में एक खंभा डाल दिया जाता था, लेकिन एक-दो घंटे से ज्यादा बिजली नहीं आती थी. आज हम 22 घंटे से ज्यादा बिजली देने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए प्रयास करना पड़ा. मेहनत करनी पड़ी. मगर हमारी सरकार ने किया. हमारी सरकार का शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने का संकल्प है. मेरा-तेरा, अपना-पराया का भेदभाव की सारी गुंजाइश को समाप्त करने वाला होता है. इससे लोगों का विश्वास बढ़ता है कि भले ही एक-दो महीने देर हो जाए, लेकिन मुझे भी मिलेगा. सच्चा सेकुलरिज्म तो यही है. कांग्रेस को देश बार-बार नकार रही है, लेकिन कांग्रेस अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है. देश की जनता देख रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का बहुत बड़ा योगदान था, लेकिन उनपर ध्यान नहीं दिया गया. अगर कांग्रेस की सरकारों ने सही तरह से काम किया होता तो आज मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहली बार आदिवासियों के लिए मंत्रालय बनाया. 110 जिलों पर हम विशेष फोकस कर रहे हैं. हर विषय पर ध्यान दे रहे हैं. हमारी सरकार ने आदिवासियों को सात लाख पट्टे दिये. पहले की सरकारों की प्राथमिकता में आदिवासी नहीं थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में 80-85 प्रतिशत छोटे किसान हैं. ये किसान एक-दो एकड़ जमीन वाले हैं. मगर इनके लिए किसी ने कुछ नहीं किया. महिलाओं की इज्जत का किसी ने ख्याल नहीं रखा. हमने 11 करोड़ शौचालय बनाकर महिलाओं को सशक्त किया. प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी हमारी सरकार ने काम किया. बेटियों को गर्भ में मारा न जाए, इसलिए बेटी बचाओ शुरू किया. बेटियों की पढ़ाई के लिए सुकन्या योजना शुरू की. बेटियों को काम करने के लिए मुद्रा योजना में बिना गारंटी कर्ज देने की शुरूआत की. सैनिक स्कूलों में बेटियों को पढ़ने का मौका दिया. सेना के दरवाजे भी बेटियों के लिए खोल दिए गए.
प्रधानमंत्री के भाषण से भाजपा के सांसद भी उत्साहित हो गए और संसद में मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. भाजपा सांसदों ने इतनी जोर से मोदी-मोदी के नारे लगाए कि विपक्षी सांसदों के विरोध और नारे की आवाज खो सी गई.