राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में बजट (Rajasthan Budget) पेश किया। बजट की शुरुआत करते ही उन्होंने गलती कर दी, जिस पर विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया।
दरअसल, सीएम गहलोत पिछले साल का बजट पढ़ने लगे थे। हालांकि मंत्री महेश जोशी ने उन्हें बीचे में ही रोक दिया. जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया और विपक्षी भाजपा ने जमकर हंगामा किया। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बजट भाषण के बीच में विधान सभा को स्थगित करना पड़ा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में बजट भाषण पढ़ रहे थे। करीब 6 मिनट तक वे पुराना बजट बताते रहे, इस बीच मंत्री महेश जोशी ने उन्हें जानकरि दी कि वह पुराना बजट पढ़ रहे हैं। महेश जोशी की बात सुनते ही गहलोत पहले तो हंसे लेकिन कुछ देर में ही वह थोड़ा परेशान दिखाई देने लगे। ऐसे में विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया।
मुख्यमंत्री ने साल 2023-24 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘मैं माफी चाहता हूं, जो कुछ भी हुआ गलती से हुआ।’ हालांकि, विपक्ष ने बजट भाषण शुरू होते ही आवाज उठायी थी कि बजट पुराना है। लेकिन मुख्यमंत्री और उनकी सरकार इसको मान नहीं रहे थे।
गहलोत ने सुबह विपक्ष के हंगामे के बीच कहा था, ‘आपको तब इस पर उंगनी उठानी चाहिए, जब आपको उपलब्ध कराई गई बजट की कॉपी और जो कॉपी में पढ़ रहा हूं, उनमें कोई अंतर हो। अगर मेरे बजट की कॉपी में गलती से एक पेज जुड़ गया है तो इसमें बजट लीक होने का प्रश्न ही कहां उठता है?’
इधर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा, ‘लगता है ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। मैंने बजट दो दो-तीन बार देखा और पढ़ा। कोई व्यक्ति इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज को क्रॉस चेक करना कैसे भूल सकता है।’
वसुंधरा राजे ने सीएम गहलोत पर किया कटाक्ष
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सीएम गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा ,”8 मिनट सीएम साहब पूराना बजट पढ़ते रहे. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, मैं भी मुख्यमंत्री रह चुकी हूं। अपने मुख्यमंत्री रहने के दौरान बजट को 2-3 बार पढ़कर अपने हाथ में लेती थी। अब जो मुख्यमंत्री प्रदेश के इतने बड़े डॉक्यूमेंट को बिना चेक किए विधानसभा में आकर पुराने बजट को पढ़ सकता है, आप समझ सकते हैं?”
बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से गहलोत का वीडियो कर कमेंट किया,”कांग्रेस सरकार की एक और ‘ऐतिहासिक गलती’! जब ‘सरकार’ जनता-जनार्दन को दरकिनार कर सिर्फ एक परिवार की ‘सेवा’ में समर्पित हो जाएं तो ऐसा ही होता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले साल का बजट पढ़ते रहे…उन्हें टोका गया तो हंसने लगे।”