अग्निकांड रोकने मनपा करेगी पुनर्निरीक्षण
मुंबई-पिछले दिनों दक्षिण मुंबई के कटलरी बाजार में लगी आग ने मनपा और फायर ब्रिगेड के सामने मुश्किल हालात उत्पन्न कर दिए थे. यहां के घनी आबादी वाले इलाके, संकरी गलियां, अतिक्रमण और अवैध निर्माण के चलते घटनास्थल पर न केवल पहुंचना मुश्किल था बल्कि आग बुझाने और उसमें फंसे लोगों की मदद करने में फायर ब्रिगेड कर्मियों को काफी मशक्कत करना पड़ा. जांच में सामने आया है कि दक्षिण मुंबई के कटलरी बाजार समेत अन्य इलाकों में बिजली बॉक्स में अक्सर बिजली चोरी के चलते छेड़छाड़ की जाती है जिससे अग्निकांड जैसी घटनाएं सामने आती हैं. इसको ध्यान में रखते हुए मनपा ने बचाव दल के सामने आने वाली बाधाओं और अनधिकृत निर्माणों को हटाने का निर्णय लिया है. जल्द ही अभियान चलाकर अतिक्रमण उन्मूलन की कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले दक्षिण मुंबई के कालबादेवी की हनुमान गली में स्थित एक इमारत में लग गयी थी. आग बुझाते समय हुए विस्फोट में चार वरिष्ठ अग्निशमन दल के अधिकारी मारे गए थे। 4 अक्टूबर को दक्षिण मुंबई के जिंजिकर स्ट्रीट के कटलरी बाजार में लगी आग ने कालबादेवी आग की यादों ताजा कर दिया है। कटलरी मार्केट की इमारत में लगी आग को काबू में करने में फायर ब्रिगेड को 45 घंटे से ज्यादा का समय लगा। संकरी गलियों, जर्जर इमारतों, अनधिकृत निर्माणों आदि कारणों से आग बुझाने में फायर ब्रिगेड को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके मद्देनजर चीराबाजार स्थित मुंबई मनपा के ‘सी’ प्रभाग कार्यालय में चिंतन बैठक आयोजित की गई। बैठक में फायर ब्रिगेड और मनपा के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। इस परिसर में ब्रिटिश काल की पुरानी इमारतें हैं जिसमें अधिकांश इमारतें घनी आबादी वाली हैं। साथ ही कुछ इमारतों में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण किया गया है। इसलिए इस क्षेत्र की इमारतों का पुनर्निरीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। क्षेत्र के अवैध निर्माण और ट्रैफिक जाम करने वाले कारणों को तुरंत हटा दिया जाएगा। साथ ही भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बैठकें आयोजित कर व्यापारियों को जागरूक करने का निर्णय लिया गया। संबंधित विभाग के अधिकारियों को भविष्य में आगजनी की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल सावधानी बरतने को कहा गया है । जिन अधिकारियों ने अपने काम में लापरवाही की, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तुरंत रिपोर्ट देना होगा
क्षेत्र में इमारतों का निरीक्षण करने के लिए पुलिस और बेस्ट अधिकारियों की टीम तैयार की गयी है. जिसने भवनों का निरीक्षण करना भी शुरू कर दिया है. टीम के लिए दिन के दौरान किए गए काम पर एक रिपोर्ट अगले दिन सुबह 11 बजे तक परिमंडल उपायुक्त के सामने प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है.