-कृषि, चिकित्सा सहित कई महत्वपूर्ण विभागों में लापरवाही
लखनऊ, 22 फरवरी (हि.स.)। उप्र विधानसभा में आज बजट पेश हो गया, लेकिन पिछले वर्ष के छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पेश बजट को अभी तक कई विभाग आधा भी खर्च नहीं कर पाये हैं। स्थिति यह है कि कृषि विभाग को पिछले साल 7140 करोड़ रुपये का बजट मिला था और अभी तक 3110 करोड़ रुपये ही खर्च हुआ है। इसके लिए मुख्यमंत्री कई बार उच्च अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं। पिछले दो माह से विभाग भी अपने-अपने यहां बजट खर्च करने पर जुटे हुए हैं, लेकिन दो माह में ही बजट का बड़ा हिस्सा कैसे खर्च हो पाएगा यह आने वाला समय ही बताएगा।
विभागीय बजट पर ध्यान दें तो ग्रामीण विकास विभाग को 28146 करोड़ रुपये बजट मिला था। इसमें अभी तक 14099 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। वहीं चिकित्सा विभाग को 44387 करोड़ रुपये बजट मिला था, जिसमें अभी तक 21676 करोड़ रुपये खर्च हुआ। ऊर्जा विभाग को 54420 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जिसमें अभी तक 32893 करोड़ रुपये खर्च हुआ है।
लोक निर्माण विभाग को 27470 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जिसमें 7517 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पंचायती राज को 16378 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें 8641 करोड़ रुपये मिले थे। सिंचाई विभाग को 13734 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें 3065 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पशुपालन विभाग को 2575 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें 1296 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही बजट को खर्च करने के लिए अभी मंगलवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक की थी और उन्होंने बजट को जल्द खर्च करने के लिए सख्त निर्देश दिये। बजट खर्च के संबंध में उन्होंने बताया कि अभी दो माह का समय है। बजट का उपयोग सही ढंग से कर दिया जाएगा। किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। साल भर सरकार किसानों के बारे में सोचती रहती है।
एक मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अफसरशाही ज्यादा बढ़ जाने के कारण बजट खर्च नहीं हो पा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार जनवरी माह से ही बजट खर्च पर सक्रिय हो गयी है, अधिकांश विभाग जल्द ही बजट को खर्च कर देंगे।